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Lata Mangeshkar 91st Birthday: स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बारे में 10 बातें

Alka Kumari

दिल्ली 28 Sep, 2020 04:38 pm

भारतीय संगीत जगत का अटूट हिस्सा रही स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का आज 91वां जान्मदिन है. लता जी ने अपने सुरीली आवाज और वर्षों की गायकी से पीढ़ियों को अपनी संगीत का दीवाना बनाया है. लता मंगेशकर को गायिकी क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के अवार्ड जैसे कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है. उन्होंने साल 1943 में महज 13 साल की कम उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था. उनके गाने पर वर्षों तक कई अभिनेत्रियों ने लिपसिंग किया है. लता जी को अक्सर 'राग की रानी' कहा जाता है. वह अब भी दुनिया के करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करती है.  बचपन से लेकर आज तक का उनका करियर काफी प्रेरणादायक रहा है.

उनके जन्मदिन के विशेष अवसर पर हम उनकी जिंदगी से जुड़ीं कुछ अनजानी बातों को तलाश कर सामने लाए हैं-

  1. लता जी का जन्म हेमा के रूप में हुआ था. बाद में उनका नाम लता रखा गया, जो उनके पिता के नाटक 'बंधन' का लोकप्रिय किरदार थी.
  2. लता जी अपनी बहन आशा भोंसले (Asha Bhosle) से बहुत प्यार करती थी. उन्होंने अपने स्कूली जीवन में केवल एक बार स्कूल अटेंड किया था.  ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें स्कूल जाने के दौरान अपनी बहन आशा (भोंसले) को साथ लाने की अनुमति नहीं थी.
  3. आपको बता दें कि करियर के शुरूआती दौर में लता जी को उनकी पतली आवाज के लिए रिजेक्ट भी किया जा चुका है. सशधर मुखर्जी, एक प्रसिद्ध निर्माता, ने पहले लता मंगेशकर की आवाज़ को 'बहुत पतली' कहकर खारिज कर दिया था.'
  4. लता जी शुरू में नूरजहां की आवाज़ की नकल करती थीं, जो उस समय की एक प्रशंसित पार्श्व गायिका और अभिनेत्री थीं.
  5. फिल्मफेयर अवार्ड में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक की श्रेणी की शुरुआत लता मंगेशकर के विरोध के बाद 1959 में शुरू किया गया था. 
  6. महान गायिका को एक बार किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा धीमा जहर दिया गया था, जिसके कारण वह लगभग 3 महीने तक बिस्तर पर थीं.
  7. 26 जनवरी 1963 को लता जी ने प्रतिष्ठित गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया. इस गाने में उनकी आवाज ने ऐसा जादू बिखेरा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू भी रो पड़े थें.
  8. गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' को डुयेट गाना था. और यहां दिलचस्प बात यह है कि इसे लता मंगेशकर और उनकी बहन आशा भोंसले को साथ ही गाना था लेकिन बाद में लता जी ने इसे एकल रिकॉर्ड करने पर जोर दिया और इस गाने की रिकॉर्डिंग एकल ही हुई.
  9. लता मंगेशकर लंदन में रॉयल अल्बर्ट हॉल (1974) में प्रदर्शन करने वाली पहली भारतीय गायिका हैं.
  10. ऐसा माना जाता है कि 1978 में आई राज कपूर की फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम' लता मंगेशकर के जीवन से प्रेरित है. वह उन्हें फिल्म में कास्ट करना चाहते थे, लेकिन लता जी इसके लिए तैयार नहीं थीं.

मालूम हो कि लता मंगेशकर को पहला बड़ा ब्रेक साल 1948 में आई फिल्म 'मजबूर' का गाना 'दिल मेरा तोड़ा' के साथ मिला. इसके बाद फिल्म 'महल' का गाना 'आएगा, आएगा, आएगा..आएगा आनेवाला...' को लोगों ने खूब पसंद किया और यह उनकी पहली म्यूजिकल हिट रही. लता मंगेशकर ने एक से बढ़कर एक संगीतकारों के साथ काम किया. चाहें मास्टर गुलाम हैदर हों या फिर नौशाद, शंकर जय किशन की जोड़ी हो या फिर मदन मोहन की. सलील, लक्ष्मीकांत प्यारे लाल और आरडी वर्मन के साथ उन्होंने खूब गाने गाए. लता जी आज भी अपनी आवाज के कारण सबकी चहेती रही है. उन्हें उनके 91वें जन्मदिन की शुभकामनाएं.

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