भारतीय संगीत जगत का अटूट हिस्सा रही स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का आज 91वां जान्मदिन है. लता जी ने अपने सुरीली आवाज और वर्षों की गायकी से पीढ़ियों को अपनी संगीत का दीवाना बनाया है. लता मंगेशकर को गायिकी क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के अवार्ड जैसे कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है. उन्होंने साल 1943 में महज 13 साल की कम उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था. उनके गाने पर वर्षों तक कई अभिनेत्रियों ने लिपसिंग किया है. लता जी को अक्सर 'राग की रानी' कहा जाता है. वह अब भी दुनिया के करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करती है. बचपन से लेकर आज तक का उनका करियर काफी प्रेरणादायक रहा है.
उनके जन्मदिन के विशेष अवसर पर हम उनकी जिंदगी से जुड़ीं कुछ अनजानी बातों को तलाश कर सामने लाए हैं-
मालूम हो कि लता मंगेशकर को पहला बड़ा ब्रेक साल 1948 में आई फिल्म 'मजबूर' का गाना 'दिल मेरा तोड़ा' के साथ मिला. इसके बाद फिल्म 'महल' का गाना 'आएगा, आएगा, आएगा..आएगा आनेवाला...' को लोगों ने खूब पसंद किया और यह उनकी पहली म्यूजिकल हिट रही. लता मंगेशकर ने एक से बढ़कर एक संगीतकारों के साथ काम किया. चाहें मास्टर गुलाम हैदर हों या फिर नौशाद, शंकर जय किशन की जोड़ी हो या फिर मदन मोहन की. सलील, लक्ष्मीकांत प्यारे लाल और आरडी वर्मन के साथ उन्होंने खूब गाने गाए. लता जी आज भी अपनी आवाज के कारण सबकी चहेती रही है. उन्हें उनके 91वें जन्मदिन की शुभकामनाएं.
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