नोबेल पुरस्कार समिति की ओर से बुधवार को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों का ऐलान किया गया. इस साल ये पुरस्कार संयुक्त रूप से दो महिला वैज्ञानिकों को दिया जाएगा, जिनका नाम है एमानुएल शारपेंटियर (Emmanuelle Charpentier) और जेनिफर ए. डुडना. (Jennifer Doudna) इन दोनों वैज्ञानिकों ने जेनेटिक सीजर की अहम खोज की है, जिसका नाम है CRISPR-Cas9 DNA snipping tool. इसके जरिए जानवरों, पौधों, माइक्रोऑर्गेनिज्म के डीएनए में बदलाव कर गंभीर रोगों का इलाज संभव हो सकेगा. इससे कैंसर समेत कई गंभीर और आनुवांशिक बीमारियों का इलाज हो सकेगा.
In 2011, Emmanuelle Charpentier and Jennifer Doudna had no idea that their first meeting, in a café in Puerto Rico, would be life-changing.
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2020
Read more about their discovery that reshaped the life sciences and has led to the 2020 #NobelPrize in Chemistry: https://t.co/PCa3Br2HSb pic.twitter.com/R0zMeYQlmW
शोरपिंटयर फ्रांसीसी मूल की प्रोफेसर हैं, जबकि जेनिफर डुडना का संबंध अमेरिका से है. यह पहला मौका है जब रसायन विज्ञान के क्षेत्र में दो महिलाओं को एक साथ इस पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है. शोरपिंटयर बर्लिन स्थित मैक्स प्लांक यूनिट फॉर साइंस ऑफ पेथोजंस की डायरेक्टर और जेनिफर ए. डुडना यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में कार्यरत हैं.
रसायन विज्ञान के लिए नोबेल समिति के अध्यक्ष क्लेज गुस्ताफसन ने कहा, "इस आनुवंशिक औजार में अपार क्षमता है, जो हम सभी को प्रभावित करता है. इसने न सिर्फ बुनियादी विज्ञान में क्रांति लाई है, बल्कि यह एक नए तरह के उपाय के रूप में सामने आया है और यह नये मेडिकल उपचार में जबरदस्त योगदान देने वाला है."
उन्होंने कहा यह औजार मानवता को बड़े अवसर प्रदान करेगा. 5 अक्टूबर को मेडिसिन और 6 अक्टूबर फिजिक्स के नोबेल अवॉर्ड का ऐलान हो चुका है.
गौरतलब है कि इस प्रौद्योगिकी पर पेटेंट को लेकर हार्वर्ड के द ब्रॉड इंस्टीट्यूट और एमआईटी के बीच लंबी अदालती लड़ाई चली है और कई अन्य वैज्ञानिकों ने भी इस प्रौद्योगिकी पर महत्वपूर्ण कार्य किया है.
इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और पुरस्कार की राशि के रूप में 10.1 लाख डॉलर से अधिक नकद राशि दी जाती है. मुद्रास्फीति के मद्देनजर पुरस्कार की राशि हाल ही में बढ़ाई गई थी.
Leave Your Comment