×

महबूबा मुफ्ती के तिरंगे वाले बयान पर पार्टी में बगावत, तीन नेताओं ने दिया इस्‍तीफा

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 26 Oct, 2020 07:31 pm

पीपुल्‍स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी कि पीडीपी (PDP) के तीन नेताओं ने पार्टी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) के आपत्तिजनक बयान पर नारजागी जताते हुए इस्‍तीफा दे दिया है. आपको बता दें कि मुफ्ती ने राष्‍ट्रीय ध्‍वज तिरंगे को लेकर विवादित टिप्‍पणी की थी और इसी बात से नाराज तीन नेताओं ने पार्टी से इस्‍तीफा दिया है. दरअसल, बीते दिनों महबूबा मुफ्ती ने बयान दिया था कि जब तक घाटी में आर्टिकल 370 के निरस्त प्रावधान दोबारा लागू नहीं हो जाते, वह कोई भी झंडा नहीं थामेंगी.

टीडीपी नेता टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वाफा ने इस्‍तीफा देते हुए पार्टी अध्‍यक्ष मुफ्ती को इसके पीछे के कारणों के बारे में भी लिखा है.

सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस्‍तीफा देने वाले नेताओं ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, "हम उनके कुछ कामों और बयानों, विशेष रूप से जो देशभक्ति की भावनाओं को आहत करते हैं उनकी वजह से असहज महसूस कर रहे हैं. ऐसे स्थिति में हमारा पार्टी में बने रहना मुश्किल है. इस कारण हम सब पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं."

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, "हम अनुच्छेद 370 वापस लेकर रहेंगे. जब तक ऐसा नहीं हो जाता, मैं कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगी. जिस वक्त हमारा ये झंडा (कश्मीर का झंडा) वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे. मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे. वो झंडा हमारे आईने का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है. उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है."

14 महीने तक हिरासत में रहीं महबूबा मुफ्ती को हाल ही में रिहा किया गया था. बाहर आने के बाद वह गुपकर समझौते (Gupkar Declaration) में शामिल हो गईं. आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ सियासी एकजुटता को लेकर एक साल पहले गुपकर समझौते पर हस्‍ताक्षर किए गए थे. फारूक अब्दुल्ला के श्रीनगर स्थित आवास पर पिछले साल अगस्‍त में जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं की बैठक हुई थी. इसी बैठक में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्‍य का दर्जा वापस दिलाने के प्रतिबद्धता जताई गई थी. बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने ''गुपकर समझौते'' पर हस्ताक्षर किए थे. फारूक अब्दुल्ला इसके अध्‍यक्ष हैं और संगठन को आकार देने व उसे आगे ले जाने के लिए महबूबा मुफ्ती को उपाध्‍यक्ष बनाया गया है.

  • \
Leave Your Comment