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रेलवे के 3 जोन जिन्होंने गलती से ज्यादा वैकेंसी निकाली और चयनित युवाओं को बेरोजगार कर दिया...

Archit Gupta

नई दिल्ली 24 Oct, 2020 12:56 pm

2019 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार की ओर से रोजगार को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई थी. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 2018 में पीयूष गोयल ने रेलवे में बंपर वैकेंसी की घोषणा की थी. इस घोषणा के तहत ही रेलवे में ALP, टेक्नीशियन के 64 हजार से अधिक पदों पर वैकेंसी निकाली गई. भर्ती प्रक्रिया 3 स्टेज में हुई. लेकिन 3 स्टेज की परीक्षा पास करने के बाद भी कई जोन के उम्मीदवारों को अब तक नियुक्ति नहीं मिली है. 3 जोन का हाल तो ऐसा है कि वहां रेलवे ने गलती से ज्यादा वैकेंसी निकाल दी थी और अब रेलवे की गलती का खामियाजा छात्र भुगत रहे हैं. नियुक्ति की जानकारी के लिए जब छात्र अधिकारियों को फोन करते हैं तो जवाब मिलता है कि अभी समय लगेगा, वैकेंसी नहीं है, तब तक कोई और जॉब देख लो....

रेलवे के वो तीन बोर्ड जिन्होंने कहा कि उन्होंने गलती से ज्यादा वैकेंसी निकाल दी थी....

RRB गोरखपुर
सबसे पहला मामला आरआरबी गोरखपुर का है. जहां रेलवे के अधिकारियों ने गलती से ज्यादा वैकेंसी फीड कर उम्मीदवारों को महीनों तक के लिए बेरोजगार बना दिया था. RRB गोरखपुर ने नॉर्थ-ईस्ट रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट की भर्ती के लिए 1681 पद निकाले थे. सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद 30 अगस्त, 2019 को 1379 सफल उम्मीदवारों का पैनल जारी किया गया.. इसके बाद इनमें से दो उम्मीदवारों का नाम हटा दिया गया और फाइनल पैनल 1377 का बना. इसके बाद 16 सितंबर, 2019 को 1099 उम्मीदवारों को डिवीजन अलॉट किया गया. बचे हुए 278 उम्मीदवारों ने इसका विरोध किया. इन उम्मीदवारों का आरोप है कि कम नंबर वालों को पहले डिवीजन अलॉट कर दिया गया. इसके बाद इन 278 उम्मीदवारों को 30 सितंबर, 2019 को डिवीजन अलॉट किया गया. 

उम्मीदवारों के विरोध के बाद नॉर्थ-ईस्ट रेलवे, गोरखपुर की ओर से 17 फरवरी 2020 को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें यह बताया कि रेलवे के वाराणसी मंडल ने गलती से रिम्स (RIMS) में इंडेण्ट भेजते समय रिक्तियों को 2 बार फीड कर दिया था, जबकि इंडेण्ट 428 का ही भेजा जाना था. इस प्रकार वाराणसी मंडल ने 428 रिक्तियों का आवश्यकता से अधिक मांग पत्र गलती से रिप्म में फीड कर दिया.

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नोटिस में कहा गया कि प्राप्त पैनल का Materialisation 70 प्रतिशत होता है. इसको ध्यान में रखते हुए सभी मंडलों ने कुल आंकलित रिक्तियों में 30 प्रतिशत अतिरिक्त जोड़ दिया जिसके कारण आंकलित रिक्तियों का 30 प्रतिशत अधिक मांग पत्र में फीड किया गया. इस प्रकार से कुल आंकलित रिक्तियों 1177 में 30 प्रतिशत अधिक यानी की 1177+504 (30 फीसदी) कुल 1681 का इंडेण्ट फीड किया गया. कुल मिलाकर यह कि रेलवे ने गलती से 1681 वैकेंसी प्रकाशित कर दी थी जबकि वास्तव में 865 वैकेंसी ही थी.

उम्मीदवारों को डायवर्जन के बाद मिली नियुक्ति...
हमने यह मुद्दा उठाया था. इसके बाद रेल मंत्रालय ऐक्शन में आया और फिर उम्मीदवारों को दूसरे जोन में शिफ्ट कर उन्हें ज्वाइनिंग लेटर दिया गया...

RRB मुजफ्फरपुर
रेलवे भर्ती बोर्ड मुजफ्फरपुर ने साल 2018 में एएलपी, टेक्नीशियन के 465 पदों पर वैकेंसी निकाली, इनमें से ALP के 310 और टेक्नीशियन के 155 पद थे. आरआरबी मुजफ्फरपुर ने पिछले साल दिसंबर में चयनित उम्मीदवारों का पैनल जारी किया. सोनपुर डिवीजन में आने वाले 85 उम्मीदवारों के अलावा पैनल में आए सभी उम्मीदवारों को नियुक्ति मिल चुकी है. सोनपुर डिवीजन ने 16 मार्च 2020 को एक माह में नियुक्ति देने की बात कही, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे आगे बढ़ा दिया गया. जिसके बाद 22 जुलाई को उम्मीदवारों को ज्वाइनिंग लेटर दे दिए गए. लेकिन ज्वाइनिंग से 11 दिन पहले उम्मीदवारों को सूचित किया जाता है कि उनकी ज्वाइनिंग को स्थगित कर दिया गया है. 18 सितंबर को पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर ने बताया कि सोनपुर डिविजन ने पैनल वापस कर लिया है. उम्मीदवारों से अनऑफिशियल तौर पर कहा जाता है कि वैकेंसी न होने के कारण पैनल को वापस ले लिया गया है.

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इस भर्ती के उम्मीदवार विकाश कहते हैं, ''सोनपुर मंडल या पूर्व मध्य रेलवे के आफिस में फोन करने पर बताया जाता है कि एक सप्ताह में ज्वाइनिंग से संबंधित नोटिस जारी होगा. कोई बोलता है सीट नहीं है दूसरे डिविजन भेजा जाएगा. कोई बोलता है अभी टाइम लगेगा कोई जॉब देख लो तब तक. जब सभी कैंडिडेट 22 सितंबर 2020 को सोनपुर डिविजन गए तो Sr. DPO  जी ने बोला की 7 दिन के अंदर ही कोई ना कोई नोटिस जारी किया जाएगा. फिर हम लोग 30 सितंबर 2020 को जीएम से मिलने गए तो वो मिले नहीं फोन से बात किए और वहा भी बोले कि 15-20 दिन देखिए नहीं कुछ होगा तो फिर मिलिएगा.''

RRB चंदीगढ़
RRB चंदीगढ़ के द्वारा टेक्नीशियन के लिए कैटेगरी 14 में 277 उम्मीदवारों का चयन किया गया. नियुक्ति से पहले यह बताया जाता है कि विभाग द्वारा वैकेंसी ज्यादा लिख दी गई जिसके कारण 277 उम्मीदवारों में से केवल 126 उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई है. शेष 151 उम्मीदवारों को किसी दूसरे जोन में भेजा जाएगा. उम्मीदवार कहते हैं, ''हमारी मुख्य सूची 29 नवंबर 2019 को जारी हुई थी, 1 साल होने वाला है, लेकिन 151 उम्मीदवारों की नियुक्ति के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल रही है.''

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