यूपी में राज्यसभा चुनाव से पहले बड़ी उथल-पुथल हो रही है. बीएसपी के छह विधायकों ने पार्टी से बग़ावत कर दी है. मायावती ने राज्यसभा चुनाव के लिए, रामजी गौतम को पार्टी का प्रत्याशी बनाया था. रामजी गौतम के दस प्रस्तावक विधायकों में से 6 ने अपने नाम वापस ले लिए हैं. बीएसपी के इन बाग़ी विधायकों ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाक़ात की है.
बीएसपी के जिन छह विधायकों ने मायावती के ख़िलाफ़ बग़ावत की है, उनके नाम हैं- असलम चौधरी, असलम राईनी, मुज़्तबा सिद्दीक़ी, हाकम लाल बिंद, गोविंद जाटव और सुषमा पटेल. इन सभी ने रामजी गौतम के प्रस्तावक से अपना नाम भी वापस ले लिया है. बीएसपी के इन सभी विधायकों ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुख्यालय जाकर अखिलेश यादव से मुलाक़ात की.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी और बीएसपी लंबे समय तक एक दूसरे की सियासी दुश्मन रही हैं. 1995 के गेस्ट हाउस कांड के बाद से ही मायावती ने समाजवादी पार्टी को अपना राजनीतिक दुश्मन घोषित कर दिया था.
हालांकि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए मायावती और अखिलेश यादव ने गठबंधन किया था. इसका ज़्यादा फ़ायदा मायावती को ही मिला था. उनके दस सांसद चुने गए थे. जबकि समाजवादी पार्टी के सांसदों की संख्या इससे आधी ही रह गई थी.
इसके बावजूद मायावती ने आरोप लगाया था कि समझौते से बीएसपी को कोई लाभ नहीं हुआ और उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ ये समझौता तोड़ दिया था.
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