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जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस बहाल करने का आंदोलन करेंगे अब्दुल्ला-मुफ़्ती

TLB Desk

श्रीनगर 15 Oct, 2020 09:09 pm

जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य बनाने और उसे धारा 370 और 35A के तहत मिलने वाले स्पेशल स्टेटस को बहाल करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी मिलकर आंदोलन चलाएंगे. आज जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के मेनस्ट्रीम पॉलिटिक्स के नेताओं की मीटिंग हुई. जिसमें पिछले साल जारी किए गए गुपकर डेक्लेरेशन को नया नाम दिया गया-पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डेक्लेरेशन. 

इसके तहत, जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस वापस हासिल करने के लिए मुख्य धारा के सभी दल मिलकर काम करने को राज़ी हुए.

ये मीटिंग, एक्स चीफ़ मिनिस्टर फ़ारुक़ अब्दुल्ला के गुपकर रोड स्थित बंगले पर हुई. इसीलिए इसे गुपकर डेक्लेरेशन नाम दिया गया. इस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारुक़ अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती शामिल हुए. इनके अलावा सज्जाद लोन और मुज़फ़्फ़र शाह जैसे कई और नेता भी बैठक में शामिल हुए. फ़ारुक़ अब्दुल्ला ने मांग की कि केंद्र सरकार, कश्मीर के नेताओं से जल्द से जल्द बातचीत शुरू करे.

फ़ारुक़ अब्दुल्ला ने कहा कि उनका आंदोलन बिल्कुल संवैधानिक है. क्योंकि सभी नेता इस मामले का संवैधानिक हल चाहते हैं. उन्होंने महबूबा मुफ़्ती को 14 महीने तक नज़रबंद रखने को अवैध क़रार दिया. और जेल में बंद अन्य नेताओं को भी रिहा करने की मांग की. फ़ारुक़ अब्दुल्ला ने दोहराया कि जब तक जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 से पहले वाली संवैधानिक व्यवस्था बहाल नहीं हो जाती. वो तब तक चुप नहीं बैठेंगे. तीन दिन पहले ही केंद्र सरकार ने महबूबा मुफ़्ती को 14 महीने की नज़रबंदी के बाद रिहा किया था. जिसके बाद फ़ारुक़ और उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ़्ती के घर जाकर उनसे मुलाक़ात की थी.

इससे पहले सरकार ने फ़ारुक़ और उमर अब्दुल्ला को इस साल मार्च महीने में ही नज़रबंदी से रिहा कर दिया था.

केंद्र सरकार ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाली संविधान की धाराओं 370 और 35A को ख़त्म कर दिया था. इसके अलावा राज्य का विभाजन करके जम्मू-कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. वहीं, लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. जिसके बाद विरोध की आशंका को देखते हुए सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया था. अब रिहाई के बाद कश्मीर के इन नेताओं ने धारा 370 बहाल करने के लिए आंदोलन शुरू करने का एलान किया है.

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