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45 साल बाद भारत-चीन सीमा पर चली गोली, इंडिया ने चेताया- काबू में रहे चीन

Atit

नई दिल्‍ली 08 Sep, 2020 04:31 pm

चीन और भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC पर 45 साल में गोली चली है. इंडियन आर्मी ने एक बयान में कहा है कि सात सितंबर यानी सोमवार को चीन के सैनिक, भारतीय चौकी के बेहद क़रीब आ गए थे. और जब भारतीय सैनिकों ने पीएलए को पीछे जाने की चेतावनी दी, तो चीन के सैनिकों ने हवा में गोलियां चला कर इंडियन आर्मी के जवानों को डराने की कोशिश की.

सेना ने अपने बयान में कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीन की इस उकसावे वाली कार्रवाई के बावजूद धैर्य बनाए रखा और चीन के सैनिकों से पीछे जाने को कहा.

आर्मी ने अपने बयान में कहा है कि ‘हम सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मगर, इसके साथ साथ हम अपनी राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी कटिबद्ध हैं.’

भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को सख़्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर, चीन के सैनिक अपनी हदों को पार करते हैं, तो उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा.

आर्मी ने बताया है कि चीन के पूर्वी लद्दाख में लगातार उकसावे वाली कार्रवाई कर रहे हैं. और अगर, वो अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आते हैं, तो अपनी सरहदों की हिफ़ाज़त के लिए भारत के सैनिक भी हर मुमकिन क़दम उठाएंगे. 

सेना की ओर से जारी बयान में स्पष्ट किया गया है कि भारत के सैनिकों ने पिछले चार महीनों से LAC पर जारी तनाव के बावजूद कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा पार नहीं की है.

सेना ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की इस उकसावे वाली कार्रवाई के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी जानकारी दी है.

29/30 अगस्त की रात को भी चीन के सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की थी. वो पैंगॉन्ग झील इलाक़े में भारतीय सीमा के भीतर आकर अपनी चौकी स्थापित करना चाहते थे. लेकिन, मोर्चे पर तैनात भारतीय सैनिकों ने एहतियात बरतते हुए, भारत की फॉरवर्ड पोस्ट पर जाकर मोर्चेबंदी कर ली.

आधी रात को हुई इस चीनी घुसपैठ की कोशिश के बाद, भारतीय सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई चौकियों पर मोर्चा जमा लिया है.

चीन ने इल्ज़ाम लगाया था कि सोमवार को भारतीय सैनिकों ने हवा में फायरिंग की थी.

पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग सो इलाक़े पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले कई दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है. सेना ने बताया है कि चीन के सैनिक पैंगॉन्ग सो के शेपाओ माउंटेन इलाक़े में घुसपैठ की नीयत से आए थे. लेकिन, भारतीय सैनिकों के चेतावनी देने के बाद, वो गोली चलाकर पीछे हट गए थे.

भारत और चीन की सीमा पर आख़िरी बार 1975 को गोली चली थी. ये घटना अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला इलाक़े में बीस अक्टूबर 1975 को हुई थी. जब, चीन के सैनिकों की फायरिंग में असम राइफल्स के चार जवान मारे गए थे.

हालांकि, आदत के मुताबिक़ चीन ने उस घटना के लिए भी भारत को ज़िम्मेदार ठहराया था. और कहा था कि असम राइफल्स के जवान, उसके इलाक़े में दाखिल हुए थे.

और इस बार भी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के लिए आमादा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपनी करतूतें नाकाम होने के बाद भारत पर इल्ज़ाम लगा रही है.

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