चीन और भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC पर 45 साल में गोली चली है. इंडियन आर्मी ने एक बयान में कहा है कि सात सितंबर यानी सोमवार को चीन के सैनिक, भारतीय चौकी के बेहद क़रीब आ गए थे. और जब भारतीय सैनिकों ने पीएलए को पीछे जाने की चेतावनी दी, तो चीन के सैनिकों ने हवा में गोलियां चला कर इंडियन आर्मी के जवानों को डराने की कोशिश की.
भारतीय सैनिकों ने चीन को मुहतोड़ जवाब दिया है. 45 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत-चीन सीमा पर गोली चली हो. #IndianArmy #IndiaChinaFaceOff #thelastbreaking https://t.co/vd0hWEq7XN
— Suresh Kumar (@sureshk_1) September 8, 2020
सेना ने अपने बयान में कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीन की इस उकसावे वाली कार्रवाई के बावजूद धैर्य बनाए रखा और चीन के सैनिकों से पीछे जाने को कहा.
It is Chinese PLA that has been blatantly violating agreements and carrying out aggressive manuveres: Indian Army on border standoff
— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2020
आर्मी ने अपने बयान में कहा है कि ‘हम सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मगर, इसके साथ साथ हम अपनी राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी कटिबद्ध हैं.’
भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को सख़्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर, चीन के सैनिक अपनी हदों को पार करते हैं, तो उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा.
आर्मी ने बताया है कि चीन के पूर्वी लद्दाख में लगातार उकसावे वाली कार्रवाई कर रहे हैं. और अगर, वो अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आते हैं, तो अपनी सरहदों की हिफ़ाज़त के लिए भारत के सैनिक भी हर मुमकिन क़दम उठाएंगे.
Despite grave provocation, Indian troops exercised great restraint and behaved in mature and responsible manner: Indian Army on Ladakh incident
— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2020
सेना की ओर से जारी बयान में स्पष्ट किया गया है कि भारत के सैनिकों ने पिछले चार महीनों से LAC पर जारी तनाव के बावजूद कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा पार नहीं की है.
It is Chinese PLA that has been blatantly violating agreements and carrying out aggressive manuveres: Indian Army on border standoff
— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2020
सेना ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की इस उकसावे वाली कार्रवाई के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी जानकारी दी है.
29/30 अगस्त की रात को भी चीन के सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की थी. वो पैंगॉन्ग झील इलाक़े में भारतीय सीमा के भीतर आकर अपनी चौकी स्थापित करना चाहते थे. लेकिन, मोर्चे पर तैनात भारतीय सैनिकों ने एहतियात बरतते हुए, भारत की फॉरवर्ड पोस्ट पर जाकर मोर्चेबंदी कर ली.
आधी रात को हुई इस चीनी घुसपैठ की कोशिश के बाद, भारतीय सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई चौकियों पर मोर्चा जमा लिया है.
चीन ने इल्ज़ाम लगाया था कि सोमवार को भारतीय सैनिकों ने हवा में फायरिंग की थी.
#环球时报Editorial: #China doesn't want a border war with #India. But if the Indian side misinterprets China's goodwill and intends to deter the PLA with warning shots, its moves will backfire. China will never concede for the sake of avoiding a war. https://t.co/XToN8MwQVQ pic.twitter.com/iWlUsZZZbC
— Global Times (@globaltimesnews) September 8, 2020
पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग सो इलाक़े पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले कई दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है. सेना ने बताया है कि चीन के सैनिक पैंगॉन्ग सो के शेपाओ माउंटेन इलाक़े में घुसपैठ की नीयत से आए थे. लेकिन, भारतीय सैनिकों के चेतावनी देने के बाद, वो गोली चलाकर पीछे हट गए थे.
भारत और चीन की सीमा पर आख़िरी बार 1975 को गोली चली थी. ये घटना अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला इलाक़े में बीस अक्टूबर 1975 को हुई थी. जब, चीन के सैनिकों की फायरिंग में असम राइफल्स के चार जवान मारे गए थे.
हालांकि, आदत के मुताबिक़ चीन ने उस घटना के लिए भी भारत को ज़िम्मेदार ठहराया था. और कहा था कि असम राइफल्स के जवान, उसके इलाक़े में दाखिल हुए थे.
और इस बार भी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के लिए आमादा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपनी करतूतें नाकाम होने के बाद भारत पर इल्ज़ाम लगा रही है.
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