उत्तर प्रदेश सरकार लव जिहाद के मामले पर कड़ा कानून बनाने की तैयारी कर रही है. इसके संबंध में प्रदेश के गृह विभाग ने न्याय विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है. न्याय व विधि विभाग इसकी समीक्षा कर रहा है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर और कई जिलों में कुछ दिन पहले लव जेहाद के कुछ मामले सामने आए थे, जिसके बाद सीएम ने इस मामले में जांच भी कराई थी और प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाये जाने के संकेत भी दिए थे. ऐसे में सरकार की तरफ से अब न्याय विभाग को प्रस्ताव भेजने का मकसद साफ़ है कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही लव जेहाद के खिलाफ कड़ा कानून बनेगा.
सीएम ने कहा था राम नाम सत्य होगा
उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं. चुनाव के दौरान देवरिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा था कि सरकार लव जिहाद के मामलों पर अंकुश लगाने के इसके लिए जल्द कानून बनाने वाली है. चुनावी रैली को संबोधित करते हुए इसका बाक़ायदा ऐलान भी कर दिया है.
योगी आदित्यनाथ ने रैली में कहा था कि लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए हम काम कर रहे हैं. हम जल्द कानून बनाएंगे. साथ ही योगी आदित्यनाथ ने लव जिहाद के मामलों में शामिल लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है, ''जो लोग अपनी पहचान छिपाकर लड़कियों के सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं, उन्हें मैं चेतावनी देता हूं, वो सुधर जाएं. यदि वो नहीं सुधरे तो उनका राम नाम सत्य होगा''. यही नहीं सीएम योगी ने कहा, ''लव जिहाद करने वालों की संपत्तियां जब्त कर घोषित दुराचारी के नाम से चौराहों पर उनका पोस्टर लगाया जाएगा.
हाईकोर्ट ने भी सुनाया था फैसला
धर्म परिवर्तन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एक अहम फैसला सुनाया था. कोर्ट ने कहा था कि महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है. दरअसल, कोर्ट के सामने एक मुजफ्फरनगर जिले से विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका आई थी. विवाहित जोड़े ने परिवार वालों को उनके शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने पर रोक लगाने की मांग की थी. लेकिन, कोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए उसे खारिज दिया है. कोर्ट ने कहा कि एक याची मुस्लिम तो दूसरा हिन्दू है. कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया गया.
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