एम्स (AIIMS) में करीब पांच हजार नर्सिंग स्टाफ सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. एम्स नर्सिंग यूनियन के प्रेजिडेंट हरीश काजला का कहना है कि इस हड़ताल को नर्सिंग स्टाफ 16 दिसंबर से शुरू करने वाला था लेकिन एम्स प्रशासन की ओर से दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट बेस पर सोमवार से ही नर्सेज की भर्ती शुरू कर दी गई इसके चलते नर्सेज ने तुरंत ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया. नर्सेज के मुताबिक उनकी करीब 23 मांगें हैं, जिनमें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कॉन्ट्रैक्ट बेस नर्सेज की भर्ती को रोकना, जेंडर बेस्ड नर्सिंग की बहाली पर रोक और एम्स के स्टाफ को एनपीएस में 14 फीसदी सरकार द्वारा कंट्रीब्यूशन की मांग प्रमुख है.
वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने नर्सों की हड़ताल पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 18 जनवरी की तारीख तय की है और नर्सों से वापस काम पर लौटने को कहा है.
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बता दें कि एम्स के करीब पांच हजार नर्सिंग स्टाफ के एक साथ हड़ताल पर चले जाने के कारण डिपार्टमेंट में एक भी नर्स नहीं है. ऐसे में गंभीर मरीज केवल डॉक्टर और परिजन के सहारे ही हैं. अगर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया जाता है तो कई मरीजों की जिंदगी मुसीबत में पड़ जाएगी.
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