American Capitol Building Attack: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की हार के बाद उनके समर्थक हिंसा पर उतर आए हैं. डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने बुधवार को कैपिटल बिल्डिंग पर धावा बोल दिया. कैपिटल बिल्डिंग में ही संसद के दोनों सदनों (हाउज ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट) की बैठक होनी थी. ट्रंप के समर्थक उस दौरान कैपिटल हिल बिल्डिंग में घुसे जब बाइडेन को आधिकारिक रूप से चुनाव में जीत की घोषणा करने की तैयारी हो रही थी. ट्रंप समर्थक अचानक से संसद में घुसे और सुरक्षाकर्मियों को सांसदों को सेना के कैंप में ले जाना पड़ा. ट्रंप समर्थकों ने संसद पर कब्जा कर लिया था. इस दौरान उपद्रवियों को रोकने में अमेरिका संसद में ही गोली चल गई. इसमें एक महिला की जान भी चली गई. हिंसा में मेडिकल स्टाफ के 3 कर्मचारियों की भी मौत हुई है. हालांकि, लंबे संघर्ष के बाद सुरक्षाबलों ने ट्रंप समर्थकों को बाहर निकाला और कैपिटल हिल को सुरक्षित किया. जब पूरे इलाके को खाली करवाया गया तो ट्रंप समर्थकों के पास बंदूकों के अलावा अन्य खतरनाक चीजें भी मौजूद थीं. हिंसा को देखते हुए वॉशिंगटन डीसी में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
बाइडन ने कैपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसा को राजद्रोह करार दिया
राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए जो बाइडन ने कैपिटल बिल्डिंग पर हुए हंगामे को राजद्रोह करार दिया. बाइडन ने कहा है कि मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आह्वान करता हूं कि वह अपनी शपथ पूरी करें और संविधान की रक्षा करें और इस घेराबंदी को समाप्त करने की मांग करें. बाइडन ने कहा कि मैं साफ कर दूं कि कैपिटल बिल्डिंग पर जो हंगामा हमने देखा हम वैसे नहीं हैं. ये कानून न मानने वालों की छोटी संख्या है.
कई देशों ने की निंदा
अमेरिका की कैपिटल बिल्डिंग में हुई इस घटना की दुनियाभर के नेताओं ने निंदा की. अमेरिका में इस तरह के बवाल की खबर दुनिया भर में फैल चुकी है. ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो समेत अन्य कई राष्ट्रप्रमुखों ने इस हिंसा की निंदा की और अमेरिकी इतिहास के लिए काला दिन करार दिया.
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प्रधानमंत्री मोदी ने जताई चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के वाशिंगटन में हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "वाशिंगटन डीसी में दंगों और हिंसा की खबर देखकर व्यथित हूं. सत्ता का क्रमिक और शांतिपूर्ण हस्तांतरण जारी रहना चाहिए. लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी विरोधों के माध्यम से विकृत करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है."
Distressed to see news about rioting and violence in Washington DC. Orderly and peaceful transfer of power must continue. The democratic process cannot be allowed to be subverted through unlawful protests.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 7, 2021
ट्रंप के आरोप के बाद शुरू हुआ बवाल
अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, जिसमें जो बाइडेन को 306 और डोनाल्ड ट्रम्प को 232 वोट मिले थे. चुनाव परिणाम आने के बाद भी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी हार नहीं मानी. उन्होंने आरोप लगाया कि वोटिंग के दौरान और फिर काउंटिंग में बड़े पैमाने पर धांधली हुई. कई राज्यों में उनके समर्थकों ने मुकदमे दर्ज कराए लेकिन अधिकांश में वो हार गए. दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिकाएं खारिज कर दीं.
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