जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे राजनीतिक दलों से निराश हैं. उन्होंने कहा है कि उन्हें विश्वास नहीं है कि कोई भी पार्टी देश को उज्ज्वल भविष्य दे सकती है. अन्ना हजारे ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने की भाजपा की अपील खारिज करते हुए शुक्रवार को यह बात कही.
हजारे ने कहा कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण' है कि दिल्ली प्रदेश भाजपा ने AAP सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन में उन्हें शामिल होने को कहा, जबकि उस पार्टी के पास भारी संख्या में कार्यकर्ता है और वह केंद्र में सत्ता में है. हजारे ने एक पत्र में कहा कि उनके दिल्ली जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उन्हें यकीन नहीं है कि कोई भी पार्टी देश को उज्ज्वल भविष्य नहीं दे सकती है.
गौरतलब है कि दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने सोमवार को हजारे को पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ अपनी पार्टी के जन आंदोलन में शामिल होने का उनसे आग्रह किया था. गुप्ता ने आप सरकार के बारे में दावा किया था कि यह 'सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक भ्रष्टाचार का एक नया नाम' है. केजरीवाल, 2011 में हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में उनके प्रमुख सहयोगी थे.
आम आदमी पार्टी के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने की BJP की अपील को अन्ना हजारे ने खारिज कर दिया. #TheLastBreaking #AnnaHazare #AAP https://t.co/SkDhNenwZC pic.twitter.com/af9KansPlW
— The Last Breaking (@thelastbreaking) August 29, 2020
हजारे के जवाब पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुप्ता ने कहा कि दिल्ली भाजपा के पास एक मजबूत संगठन है और सभी प्रकार के जन आंदोलनों का नेतृत्व करने में सक्षम है, लेकिन वह सामाजिक कार्यकर्ता की प्रतीकात्मक उपस्थिति चाहते थे क्योंकि 'आप' उनके नेतृत्व में हुए आंदोलन से पैदा हुई थी.
हजारे ने कहा, 'मैं प्रेस को लिखा आपका पत्र पढ़कर निराश हुआ. आपकी पार्टी भाजपा पिछले छह वर्षों से अधिक समय से देश पर शासन कर रही है.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘... इससे ज्यादा क्या दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है कि उस पार्टी के नेता, जिसमें बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ता हैं और जो दुनिया में सबसे अधिक सदस्य होने का दावा करती है, अन्ना हजारे जैसे 83 वर्षीय फकीर से अपने आंदोलन में शामिल होने का आग्रह करते हैं जो एक मंदिर के 10 गुना 12 फुट के कमरे में रहता है और जिसके पास कोई संपत्ति या शक्ति नहीं है.’’
उन्होंने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार सीबीआई जैसी एजेंसियों को नियंत्रित करती है और अगर दिल्ली की आप सरकार भ्रष्ट है तो वह उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं करती. उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन कभी भी किसी पार्टी के खिलाफ नहीं थे. हजारे ने कहा कि भाजपा 2014 में भ्रष्टाचार-मुक्त भारत का सपना दिखाकर सत्ता में आई, ‘‘लेकिन लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान स्थिति में, मुझे नहीं लगता कि कोई भी पार्टी देश को उज्ज्वल भविष्य दे सकती है. कई पार्टियां पैसा बनाने और पैसे का इस्तेमाल कर सत्ता हासिल करने के चक्र में फंस गई हैं.’’ हजारे ने कहा, ‘‘जब तक व्यवस्था में बदलाव नहीं होता, तब तक लोगों को राहत नहीं मिलेगी. इसलिए, मुझे लगता है कि मेरे दिल्ली आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.’’
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