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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, विरोध-प्रदर्शन में किसान नहीं मोदी-विरोधी तत्‍व हैं शामिल

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 14 Dec, 2020 12:20 pm

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि किसानों के साथ गतिरोध बना हुआ है क्‍योंकि अब विरोध-प्रदर्शन में कुछ "मोदी विरोधी" तत्‍व शामिल हो गए हैं. खबरों के मुताबिक तोमर का कहना है कि कानून को लेकर उड़ाई गई अफवाहों की वजह से देरी हो रही है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समाचार पत्र हिन्‍दुस्‍तान को दिए इंटरव्‍यू में कहा, "सरकार ने सफलतापूर्वक बातचीत की शुरुआत की, लेकिन किसान यूनियन किसी फैसले तक नहीं पहुंच पा रही हैं. पिछले दो दिनों में जो खबरें आ रही हैं वह हैरान करने वाली हैं. जो लोग वामपंथी विचारधारा में विश्‍वास रखते हैं वे प्रदर्शन को प्रभावित कर रहे हैं. गद्दारों को रिहा करने की कोशिशें की जा रही हैं. यह निंदनीय है और इन तत्‍वों की वजह से आंदोलन निष्‍कर्ष तक नहीं पहुंच पा रहा है. और ये तत्‍व किसान नहीं, बल्‍कि वो लोग हैं जो मोदी विरोधी हैं."

केंद्रीय मंत्री तोमर ने एक बार फिर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कृषि कानूनों को किसानों के फायदे के लिए ही पारित किया गया है. उन्‍होंने कहा, "सरकार की मंशा है कि किसानों को अपनी उपज का अधिकतम मूल्‍य मिले. साथ ही दलालों की भूमिका खत्‍म हो और किसान इन कानूनों के जरिए लाइसेंस खरीद सकें. इससे प्रतिस्‍पर्धा बढ़ेगी और किसानों को ज्‍यादा फायदा होगा."

जब तोमर से यह पूछा गया कि अगर कृषि कानून सरकार के हित में हैं तो फिर किसान उनका विरोध क्‍यों कर रहे हैं, तो उन्‍होंने कहा कि सिर्फ पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध कर रहे हैं. उनके मुताबिक, "पंजाब और हरियाणा में मंडी प्रणाली बहुत मजबूत और विकेंद्रीकृत है और इन राज्‍यों के किसानों को डर है कि इन कानूनों से सब बदल जाएगा. दूसरे राज्‍यों के किसानों ने कानूनों का स्‍वागत किया है, वे तो दिल्‍ली आकर समर्थन भी जताना चाहते थे, लेकिन हमने उन्‍हें इस उम्‍मीद में आने से रोक दिया कि बातचीत के जरिए गतिरोध खत्‍म हो जाएगा."

तोमर ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ढोंगी है. उन्‍होंने कहा, "8 दिसंबर को किसान सड़कों पर नहीं थे. कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को बंद का समर्थन करते हुए देखा गया. कांग्रेस दोहरी राजनीति कर रही है क्‍योंकि उसने अपने खुद के चुनावी घोषणापत्र में कहा था कि वह सत्ता में रहते हुए इन कानूनों को लाना चाहती थी, लेकिन दूसरे दबावों की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाई."

उधर, किसान आज दिल्‍ली की अलग-अलग सीमाओं के पास एक दिवसीय भूख हड़ताल कर रहे हैं. पंजाब में भारतीय किसान यूनियन (BKU) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल के मुताबिक, "हम सरकार को जगाना चाहते हैं. तो हमारे संयुक्‍त किसान मोर्चा के 40 किसान दिल्‍ली की तमामा सीमाओं पर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे. इनमें से 25 सिंघु बॉर्डर, 10 टिकरी बॉर्डर और 5 यूपी बॉर्डर पर बैठेंगे."

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