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आम लोगों के लिए प्रदर्शनकारी किसानों का माफीनामा, कहा- हमारी मजबूरी समझिए

Fauzia

नई दिल्‍ली 14 Dec, 2020 09:54 pm

दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने आम जनता को होने वाली परेशानियों के लिए माफी मांगी है. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी इस माफीनामे में कहा गया है कि अगर किसी मरीज या जरूरतमंद को कोई परेशानी हो रही है, तो तुरंत हमसे संपर्क करे.

नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए किसानों को 19 दिन हो चुके हैं. पिछले 19 दिनों से पंजबा, हरियाणा के किसानों समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं जिसकी वजह से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस बात का अंदाज़ा खुद किसानों को भी है.
 

किसानों ने माना है कि उनके धरने की वजह से आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है और इसके लिए उन्होंने खेद जताया है. साथ ही लोगों से अपील की है कि किसी को परेशान करना हमारा मक़सद नहीं है. हम तो मजबूरी में यहां बैठे हैं. फिर भी हमारे इस आंदोलन से आपको जो तकलीफ हो रही है उसके लिए आपसे हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं. हम सिर्फ अपना हक लेने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. आम लोग हमारी परेशानी को समझें.

किसानों द्वारा जारी किए गए पर्चे में लिखा गया है, ‘हम किसान हैं, लोग हमें अन्नदाता कहते हैं. प्रधानमंत्री कहते हैं वह हमारे लिए 3 कानून की सौगात लेकर आए हैं, हम कहते हैं ये सौगात नहीं सजा है. हमें सौगात देनी है तो फसल का उचित मूल्य देने की कानूनी गारंटी दें.’

माफीनामे में किसानों ने ये भरोसा भी जताया है कि 'अगर किसी भी बीमार या बुजुर्ग को दिक्कत हो, एम्बुलेंस रुकी हो या और कोई इमरजेंसी हो तो कृपा हमारे वॉलिंटियर से सम्पर्क करें वो आपकी तुरंत मदद करेंगे. -मैं एक किसान.'

किसान दिल्ली में आने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन उन्हें दिल्ली के बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है. किसानों ने दिल्ली आने वाली सीमाओं पर डेरा डाल लिया है जिसकी वजह से कई रास्ते बंद हैं तो कई जगह पर ट्रैफिक डायवर्ट किया हुआ है. लेकिन ये भी देखा गया है कि किसान एंबुलेंस के लिए खुद ही रास्ता बना रहे हैं. लंगर के लिए जो खाना बनता है उसमें अन्य ज़रूरतमंद लोग भी शामिल होते हैं. किसानों का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांग मान लेती है तो हम तुरंत ही सारे रास्तों से हट जाएंग और घर चले जाएंगे.

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