केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को उसकी तथाकथित तुष्टिकरण की राजनीति के लिए आड़े हाथों लिया. हालांकि इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने टीएमसी मुखिया और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का नाम नहीं लिया.
बाहरी कोलकाता के दक्षिणेश्वर मंदिर (Dakshineshwar Temple) में पूजा-अर्चना करने के बाद अमित शाह ने कहा, "बंगाल की धरती चैतन्य महाप्रभु, स्वामी प्रणवानंद, ठाकुर रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद और अन्य महान लोगों की है. तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से बंगाल की पंरपरा को नुकसान पहुंचा है. मैं बंगाल के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि वे राज्य के खोए गौरव को वापस लाने के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करें."
पश्चिम बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति से उसकी महान परंपरा आहत हुई है।
— Amit Shah (@AmitShah) November 6, 2020
बंगाल पूरे देश के आध्यात्मिक और धार्मिक चेतना का केंद्र रहा है। यह गौरव फिर से बंगाल प्राप्त करे इसके लिए मैं सभी से आह्वान करता हूँ कि आप सब एकजुट और जागरूक होकर अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करें। pic.twitter.com/ZwEQ5fKMtZ
दक्षिणेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा, "आज दक्षिणेश्वर मां काली मंदिर में आशीर्वाद लिया. यह समग्र भारत वर्ष की चेतना का केंद्र है और राम कृष्ण परमहंस की तपोभूमि है. स्वामी विवेकानंद की नरेंद्र से विवेकानंद की यात्रा यहीं से शुरू हुई. मां का आशीर्वाद भारत पर बना रहे. आज यहां से नई ऊर्जा और चेतना प्राप्त करके जा रहा हूं."
आज दक्षिणेश्वर माँ काली मंदिर में आशीर्वाद लिया। यह समग्र भारतवर्ष की चेतना का केंद्र है और राम कृष्ण परमहंस की तपोभूमि है। स्वामी विवेकानंद की नरेंद्र से विवेकानंद की यात्रा यहीं से शुरू हुई।
— Amit Shah (@AmitShah) November 6, 2020
माँ का आशीर्वाद भारत पर बना रहे। आज यहाँ से नई ऊर्जा और चेतना प्राप्त करके जा रहा हूँ। pic.twitter.com/4n3pI6fGAg
इससे पहले साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिणेश्वर मंदिर के दर्शन करने वाले पहले प्रधानमंत्री बने थे. आपको बता दें कि विश्व विख्यात संत रामकृष्ण परमहंस कई सालों तक इस मंदिर में पुजारी रहे थे. यहां दूर-दूर से मां काली भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं.
बीजेपी आरोप लगाती रही है कि वोट बैंक की राजनीति के लिए टीएमसी मुस्लिमों का तुष्टिकरण करती है, जो कि बंगाल की आबादी का 30 फीसदी हिस्सा हैं.
इसी साल मार्च में बीजेपी की बंगाल इकाई ने पार्टी द्वार जारी की गई सांकेतिक चार्जशीट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एंटी-हिन्दू करार दिया था.
हालांकि टीएमसी ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए तर्क दिया था कि ममता देश के संविधान में प्रतिष्ठापित अनेकता में एकता के लिए खड़ी होती हैं.
दक्षिणवेश्वर मंदिर में दिए गए अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी नेता और राज्य के मंत्री तापस रॉय ने कहा, "एक केंद्रीय मंत्री को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. उन्हें कम से कम यह तो ध्यान रखना चाहिए था कि वो किस जगह (दक्षिणेश्वर मंदिर) पर खड़े होकर बोल रहे हैं. उन्होंने यहां की महान विभूतियों का नाम घसीटकर बंगाल की संपन्न संस्कृति और परंपराओं को बदनाम करने की कोशिश की है. जनता इस तरह के बयानों को बर्दाश्त नहीं करेगी."
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