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BJP के हाथ नहीं आया बंगाल, ममता दीदी ने लगाई हैट्रिक, लेफ्ट-कांग्रेस का सूपड़ा साफ

TLB Desk

कोलकाता/नई दिल्‍ली 03 May, 2021 11:25 pm

पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं. देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के लिए चुनाव परिणाम मिलेजुले हैं. बंगाल में पूरी ताकत झोंकने के बाद भी पार्टी ममता बनर्जी को लगातार तीसरी बार सरकार बनाने से नहीं रोक पाई. तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ गठबंधन के बावजूद बीजेपी के हाथ सफलता नहीं लगी. केरल में पार्टी को पहले से ही कुछ खास उम्‍मीद नहीं थी और हुआ भी यही कि जनता ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को अपना नेता चुना. हालांकि असम में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद बीजेपी को जनता ने एक बार फिर मौका दिया है. वहीं, पुडुचेरी में बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में है.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की है. विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने कुल 292 विधानसभा सीटों में से 213 पर जीत हासिल की है. बीजेपी इस चुनाव में 77 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. एक सीट राष्ट्रीय सेकुलर मजलिस पार्टी के चिह्न पर चुनाव लड़ने वाली आईएसएफ को मिली है. एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. कांग्रेस और लेफ्ट खाता भी खोलने में नाकामयाब रही.

जीत के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वाम दल अपना वो वोटबैंक वापस हासिल नहीं कर पाए जो उन्होंने बीजेपी के हाथों खो दिया है और इस वजह से वामपंथी दलों की स्थिति में और गिरावट आ गई.

ममता ने कहा, "वाम दलों के साथ राजनीति मतभेद हैं, लेकिन मैं उन्हें शून्य पर पहुंचता नहीं देखना चाहती. बेहतर होता कि वे बीजेपी से अपना वोट वापस हासिल कर लेते. उन्होंने बीजेपी को इस कदर फायदा पहुंचाया कि आज वे शून्य हो गए. उन्हें इस बारे में सोचने की जरूरत है. दीपांकर भट्टाचार्य (भाकपा माले) इस रास्ते पर नही चले."

टीएमसी की भारी जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी को बधाई दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए राज्य की केंद्र हरसंभव मदद करेगा. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "पश्चिम बंगाल में जीत पर ममता दीदी को बधाई. केंद्र पश्चिम बंगाल के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए और कोविड 19 महामारी को दूर करने के लिए हरसंभव समर्थन देना जारी रखेगा."

आपको बता दें कि बीजेपी को 37.99 प्रतिशत वोट शेयर और तृणमूल कांग्रेस को 48.04 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुआ है.

असम विधानसभा चुनाव
सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए असम में सत्ता में वापसी की, लेकिन 2016 के विधानसभा चुनावों की तुलना में 11 सीटें कम रहीं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की प्रमुख साझेदार भारतीय जनता पार्टी को पांच साल पहले मिली 60 सीटे मिली थीं. एनडीए ने 126 सदस्यीय विधानसभा में आखिरकार 75 सीटें जीती हैं. भाजपा की पुरानी सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) ने पिछली बार जीती 14 सीटों के मुकाबले नौ सीटें जीतीं, जबकि उसके नए साझेदार यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने छह सीटें जीतीं, क्योंकि बोडोलैंड आधारित पार्टी ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था.

कांग्रेस, जिसने 15 साल (2001 से 2016) तक असम पर शासन किया, हालांकि इस बार चुनाव नहीं जीत सकी, पिछले चुनाव की तुलना में 29 सीटें, भाजपा से हार गई. कांग्रेस के अन्य सहयोगियों ने महाजोत (महागठबंधन) का नेतृत्व किया. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीआई) ने पिछली बार 13 के मुकाबले 16 सीटें जीतीं, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) को पिछले चुनावों में 12 सीटों के मुकाबले चार सीटें मिलीं और कम्युनिस्ट पार्टी भारत-मार्क्‍सवादी ने सिर्फ एक सीट जीती.

रायजोर दल (आरडी) के अध्यक्ष और जेल में बंद नेता अखिल गोगोई, जिन्होंने सिबसागर निर्वाचन क्षेत्र से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, उन्होंने भी भाजपा उम्मीदवार सुरभि राजकोनवरी को 11,880 मतों के अंतर से हराकर सीट जीत ली।

एआईयूडीआई ने 2016 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ा था जबकि बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ), पहले भाजपा की सहयोगी अब 10 पार्टी महाजोत की सहयोगी दल है.

केरल विधानसभा चुनाव
केरल के राजनीतिक इतिहास में नए रिकॉर्ड बनाने के बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को राजभवन का रुख किया और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अपना इस्तीफा सौंप दिया. विजयन ने पद पर बने रहने के बाद पहली बार पदभार संभाला और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने 2016 में उन्हें जो मिला, उससे आठ ज्यादा, 99 सीटें हासिल कीं. खान ने विजयन के इस्तीफे के बाद उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनने के लिए कहा.

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