बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड यानी कि जेडीयू (JDU) के मुखिया नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने गुरुवार को ऐलान किया कि यह उनका आखिरी चुनाव है. आपको बता दें कि नीतीश का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में 7 नवंबर को तीसरे और अंतिम चरण के लिए वोट डाले जाएंगे.
बिहार के पूर्णिया में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने लोगों से जेडीयू-नीत एनडीए गठंधन को वोट देने की अपील करते हुए कहा, "यह मेरा आखिरी चुनाव है. अंत भला तो सब भला."
Live - बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की चुनावी सभा। विधानसभा- धमदाहा (जिला- पूर्णिया) से https://t.co/TnZcRmY4uX
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 5, 2020
दरअसल, नीतीश इस बार सातवीं बार सीएम बनने का सपना देख रहे हैं. इससे पहले वह लगातार छह बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने कभी भी सीधे जनता का सामना नहीं किया.
नीतीश ने पहली बार 1977 में पूर्व जनता दल के उम्मीदवार के रूप में हरनौत सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि तब वे चुनाव हार गए थे, लेकिन नौ साल बाद 1985 में इसी सीट पर विजयी रहे.
जेडीयू के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक बतौर पार्टी मुखिया और मुख्यमंत्री होने के नाते नीतीश कुमार के ऊपर बहुत जिम्मेदारियां हैं. ऐसे में वह चुनाव नहीं लड़ पाए. जेडीयू के एक नेता के मुताबिक, "नीतीश जेडीयू और बिहार सरकार का चेहरा हैं. चुनावों में उन्हें पूरे प्रदेश भर में प्रचार करना था. अगर वो किसी एक सीट से चुनाव लड़ते तो उन्हें अपनी सीट को ज्यादा समय देना पड़ता. जेडीयू के बड़े फायदे के लिए ही उन्होंने चुनाव लड़ने से खुद को दूर रखा."
उधर, नीतीश कुमार के ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार में महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जमीनी हकीकत को समझ चुके हैं. तेजस्वी के मुताबिक, "हम तो बहुत पहले से कह रहे थे कि नीतीश कुमार थक गए हैं और अब वह बिहार को संभाल नहीं सकते हैं. अब चुनाव प्रचार के आखिरी दिन उन्होंने ऐलान कर ही दिया कि वे रिटायर हो रहे हैं. शायद वह जमीनी हकीकत जान गए हैं."
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