योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने महामारी के दौरान कोविड-19 (Covid-19) मरीजों के इलाज में एलोपैथिक दवा के इस्तेमाल के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. दरअसल, एलोपैथी चिकित्सा और डॉक्टरों को लेकर उनकी ओर से दिए गए विवादित बयानों को लेकर बीते कुछ दिनों में योग गुरु के खिलाफ कई केस दायर किए गए हैं.
याचिका में रामदेव ने पटना और रायपुर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ओर से दर्ज एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की. उन पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के के तहत मामला दर्ज किया गया है.
डॉक्टरों की स्वैच्छिक संस्था IMA ने उन पर कोविड रोगियों के लिए एलोपैथिक उपचार के मामले में झूठी सूचना फैलाने का आरोप लगाया है. 23 मई को रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से एक सख्त लहजे में लिखा गया पत्र प्राप्त करने के बाद एलोपैथिक दवा पर अपना बयान वापस ले लिया था, जिन्होंने उनकी टिप्पणी को अनुचित करार दिया था.
आईएमए ने अपनी शिकायत में कहा था कि बाबा रामदेव कथित तौर पर चिकित्सा बिरादरी, भारत सरकार, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और कोविड के उपचार में शामिल अन्य फ्रंटलाइन संगठनों द्वारा उपयोग की जा रही दवाओं के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना का प्रचार कर रहे हैं.
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