कृषि कानून के विरोध में भारत बंद का असर उत्तर प्रदेश में साफ दिखाई दिया. कई किसान यूनियनों और संगठनों ने सडकों पर उतरकर संसद द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदेश में जगह-जगह किसानों ने विरोध दर्ज कराया. बंद के मद्देनजर भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात की गई थीं. आपको बता दें कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने किसानों द्वारा बुलाए गए इस भारत बंद का समर्थन किया था.
कृषि बिल के विरोध में भारत बंद का उत्तर प्रदेश में अच्छा-खास असर दिखाई दे रहा है. प्रयागराज, गोंडा, वाराणसी, बागपत, बुलंदशहर और कानपुर सहित तमाम जिलों में किसानों ने प्रदर्शन किया. किसानों के साथ-साथ समाजवादी पार्टी बीएसपी, कांग्रेस आरएलडी सहित कई दल इस प्रदर्शन में शामिल हुए. प्रदेश में कई पार्टियों के नेताओ को नजरबन्द भी किया गया था.
राजधानी लखनऊ में सुबह से ही सड़कों पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. जगह-जगह पुलिस चेक पॉइंट बनाये गए थे और लोगों की चेकिंग भी की गई. लखनऊ के ग्रामीण इलाके में भारत बंद के समर्थन में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से किसान निगोहा बाजार में इकठ्ठा हुए और कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन किया.
समाजवादी पार्टी भी बंद के समर्थन रही. इससे पहले सोमवार को खुद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सड़क पर उतरे थे जिसके बाद उनको गिरफ्तार भी किया गया था. इसके बाद मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान लखनऊ के चिनहट इलाके के मल्हौर स्टेशन पर सपाइयों ने ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया. पूरे प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन हुए. कई जगह किसानों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि पूरे प्रदेश में पुलिस पेट्रोलिंग कर रही है. भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि भारत बंद को लेकर लखनऊ में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. सभी थाना क्षेत्रों में अधिकारियों ने लगातार पुलिस टीम के साथ भृमण किया. किसानों के आन्दोलन और भारत बंद के नाम पर कानून व्यवस्था बिगाङने वालो अराजकतत्वों के खिलाफ कमिश्नर डीके ठाकुर ने सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे.
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