संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) के प्रीलिम्स के पेपर में हिंदी से संबंधित एक बड़ी गलती देखने को मिली है. UPSC ने अंग्रेजी से हिंदी के अनुवाद में ऐसी गलती कि है जिससे अर्थ का अनर्थ तो हुआ ही है साथ ही छात्रों के लिए भी इससे मुश्किल खड़ी हो गई है. दरअसल, सामान्य अध्ययन -1 के प्रश्न पत्र में हिंदी अनुवाद की गलती पाई गई. हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों से सवाल पूछा गया, ‘गांधी-इरविन समझौते में से क्या सम्मिलित था/थे?’
उत्तर के रूप में चार विकल्प थे. दूसरा विकल्प था, ‘असहयोग आंदोलन के संबंध में जारी किए गए अध्यादेशों को वापस लेना.’ अंग्रेजी में ‘असहयोग आंदोलन' को ‘सिविल डिसऑबिडिएंस मूलवमेंट’ लिखा था, जिसका हिंदी में अर्थ ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन' है. जबकि हिंदी भाषा के विकल्प में ‘असहयोग आंदोलन’ लिखा था.
जाहिर सी बात है कि अंग्रेजी से हिंदी का ट्रांसलेशन गलत कर दिया गया. हिंदी में हुई इस गलती के चलते छात्रों को भी परेशानी होगी. 2009 बैच के एक आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ट्वीट कर लिखते हैं, ''अब कुछ बोलूँगा तो हमारे ‘विद्वान अनुवादक’ बुरा मान जाएँगे. दुःख होता है.''
अब कुछ बोलूँगा तो हमारे ‘विद्वान अनुवादक’ बुरा मान जाएँगे.
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) October 4, 2020
दुःख होता है.☹️ pic.twitter.com/EzawPv0bws
अवनीश एक अन्य ट्वीट में लिखते हैं, ''‘Steel plant’ के ‘इस्पाती पौधे’ से होता हुआ ‘Civil Disobedience Movement’ अब ‘असहयोग आंदोलन’ हो गया. (संघ लोक सेवा आयोग की हिंदी)''
‘Steel plant’ के ‘इस्पाती पौधे’ से होता हुआ ‘Civil Disobedience Movement’ अब ‘असहयोग आंदोलन’ हो गया. 🤨
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) October 4, 2020
(संघ लोक सेवा आयोग की हिंदी)
इस पर आशुतोष नाम के एक छात्र ट्वीट कर लिखते हैं, ''हिन्दी दिवस मनाने पर हर वर्ष सरकार के करोड़ों रूपये खर्च होते हैं और तो और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर भी आपने हिन्दी को बढावा दिया है सर लेकिन UPSC के विद्वानों को गूगल अनुवाद करके पेपर बनाने का पैटर्न कब बदलेगा सर, हिन्दी की हालत.''
@PMOIndia @narendramodi @DrJitendraSingh हिन्दी दिवस मनाने पर हर वर्ष सरकार के करोड़ों रूपये खर्च होते हैं और तो और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर भी आपने हिन्दी को बढावा दिया है सर लेकिन UPSC के विद्वानों को गूगल अनुवाद करके पेपर बनाने का पैटर्न कब बदलेगा सर , हिन्दी की हालत । https://t.co/1EM3AhdzCc
— ASHUTOSH SHUKLA (@aashutoshshukl3) October 4, 2020
वहीं, अश्विनी नाम के एक छात्र ट्वीट कर लिखते हैं, ''सर क्या बताएंगे की यूपीएससी से ऐसी गलती कि अपेक्षा की जा सकती हैं, आप तथा केंद्र सरकार, मोदी जी हिंदी के विकास की बात करते हैं मगर हिंदी का ये हाल, हम हिंदी माध्यम के छात्रों ने क्या गुनाह किया हैं.''
@DoPTGoI @DrJitendraSingh सर क्या बताएंगे की यूपीएससी से ऐसी गलती कि अपेक्षा की जा सकती हैं , आप तथा केंद्र सरकार,मोदी जी हिंदी के विकास की बात करते हैं मगर हिंदी का ये हाल,हम हिंदी माध्यम के छात्रों ने क्या गुनाह किया हैं @narendramodi @PMOIndia @AmitShah @AwanishSharan https://t.co/ofbtLHMM4G
— Ashwini shukla (@ashwinishukla07) October 4, 2020
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