Bihar Assembly Election Results 2020: बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है. कुछ ही देर में रुझान सामने आ जाएंगे और तस्वीर साफ हो जाएगी कि बिहार में जनता ने किस पार्टी को जनादेश दिया है. इस बार बिहार में बीजेपी, जेडीयू, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के गठबंधन वाले एनडीए को महागठबंधन उम्मीदवारों से जीत के लिए कड़ा मुकाबला करना होगा. लगभग सभी एग्जिट पोलों में आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों वाले महागठबंधन को बहुमत मिलता हुआ दिख रहा है. बहरहाल, आज चुनावी नतीजों से यह साफ हो जाएगा कि बिहार में किसकी सरकार बनेगी. इन चुनावों में कुछ कद्दावर उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके प्रदशर्न पर सभी की दिलचस्पी है.
अब्दुल बारी सिद्दीकी
केवटी विधानसभा सीट पर सबकी नजरें टिकी हुईं हैं. यहां से आरजेडी के मुस्लिम चेहरे अब्दुल बारी सिद्दीकी चुनावी मैदान में हैं. वे सात बार विधायक रह चुके हैं और अब आठवीं बार जीत के लिए ताल ठोक रहे हैं. वह पहली बार केवटी से चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए जीत की राह उतनी आसान नहीं है. आपको बता दें कि इससे पहले सिद्दीकी अलीनगर से चुनाव लड़ते थे. वह साल 1977 में पहली बार बहेड़ा विधानसभा से विधायक चुने गए थे.
लवली आनंद
बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद आरजेडी के टिकट पर सहरसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. 1994 में वैशाली लोकसभा का उप चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखने वाल लवली पर सभी की निगाहें हैं. उस वक्त उन्होंने कद्दावर नेता किशोरी सिन्हा को हराया था. हालांकि इस बार उन्हें सहरसा से बीजेपी के आलोक रंजन झा से कड़ी टक्कर मिल सकती है जो 2010 से लेकर 2015 तक इस विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं. आपको बता दें कि आनंद मोहन फिलहाल जेल में हैं. उन्होंने जेल से ही समता पार्टी के टिकट पर 1996 का लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी.
अनंत कुमार
मोकामा विधानसभा सीट जेडीयू के पूर्व नेता और नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे अनंत कुमार का गढ़ मानी जाती है. वह 2005 से लगातार इस सीट पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं और इस विधानसभा क्षेत्र पर उनकी अच्छी-खासी पकड़ है. 2005 और 2010 के चुनावों में अनंत सिंह जेडीयू के साथ थे. लेकिन इस बार वह आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर उनके निकटतम प्रतिद्वंदी जेडीयू के राजीव लोचन और एलजेपी के सुरेश सिंह निषाद हैं.
नंद किशोर यादव
राज्य सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव पटना साहिब सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर कांग्रेस के प्रवीण कुशवाहा उन्हें कड़ी टक्कर दे सकते हैं. आपको बता दें कि पटना साहिब सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. वहीं, नंद किशोर यादव 1995 से ही बिहार विधानसभा में बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते आए हैं.
प्रेम कुमार
बिहार की गया विधानसभा सीट को भी बीजेपी का गढ़ माना जाता है. 90 के दशक से ही प्रेम कुमार इस सीट को जीतकर विधायक बनते आए हैं. उनकी पिछली सफलताओं को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने एक बार फिर पार्टी का भरोसा उन पर जताया है. हालांकि प्रेम कुमार को इस बार महागठबंधन के उम्मीदवार अखौरी ओंकार नाथ से कड़ी टक्कर मिल सकती है.
भावना झा
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भावना झा और बीजेपी के विनोद नारायण झा बेनीपट्टी विधानसभा सीट से आमने-सामने हैं. साल 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में भावना ने बेनीपट्टी सीट से जीत हासिल की थी, जबकि झा दूसरे नंबर पर रहे थे.
सुरेश शर्मा
बीजेपी के सुरेश शर्मा मुजफ्फरपुर विधानसभा के वर्तमान विधायक हैं. उन्होंने साल 2015 में जेडीयू के बिजेंद्र चौधरी को 29,739 मतों के भारी अंतर से हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी. इस बार फिर ये दोनों नेता मुजफ्फरपुर सीट से आमने-सामने हैं.
विजय प्रकाश
जमुई विधानसभा सीट से आरजेडी के विजय प्रकाश और पहली बार चुनावी समर में ताल ठोंक रही श्रेयसी सिंह आमने-सामने हैं. श्रेयसी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. ऐसा पहली बार हो रहा है जब एनडीए गठबंधन ने जमुई सीट से किसी महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. आपको बता दें कि श्रेयसी शूटर और कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को गोल्ड व सिल्वर मेडल दिलाने वाले दिवंगत दिग्विजय सिंह की बेटी हैं. वहीं, आरजेडी के विजय प्रकाश ने 2015 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवार को 8,249 मतों से हराया था. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री व आरजेडी के वरिष्ठ नेता प्रकाश नारायण यादव के बेटे हैं.
विजय कुमा चौधरी
राज्य विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार चौधरी समस्तीपुर की सरायरंजन सीट से चुनावी मैदान में हैं. वह जेडीयू के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. वह सरायरंजन के वर्तमान विधायक भी हैं. इस बार उन्हें आरजेडी के अरविंद कुमार साहनी से कड़ी टक्कर मिल सकती है. आपको बता दें कि विजय कुमार सरायरंजन सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं और वह नीतीश कुमार के बेहद भरोसेमंद लोगों में से एक हैं.
चंद्रिका राय
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के ससुर और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय जेडीयू के टिकट पर सारन की परसा विधासभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ आरजेडी के छोटे लाल राय चुनावी मैदान में हैं. आपको बता दें कि चंद्रिका राय परसा सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने सबसे पहले साल 1985 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीता था.
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