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बिहार के नए शिक्षामंत्री मेवालाल चौधरी ने दिया इस्‍तीफा, 3 दिन पहले ली थी शपथ

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 19 Nov, 2020 04:57 pm

शपथ लेने के तीन दिन बाद बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी (Mewalal Choudhary) ने भ्रष्‍टाचार के आरोपों के बीच गुरुवार को अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है.

अपने ऊपर लगे भ्रष्‍टाचार के आरोपों पर बात करते हुए मेवालाल चौधरी ने कहा, "आरोप तभी साबित होता है जब चार्जशीट दायर हुई हो या कोर्ट आदेश दे, लेकिन मेरे खिलाफ लगे आरोपों को साबित करने के लिए दोनों में से कुछ भी नहीं हुआ है."

आपको बता दें कि आरजेडी ने मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाए जाने को लेकर बुधवार को नीतीश कुमार को घेरा था. आरजेडी की मांग थी कि भ्रष्‍टाचार के आरोपी मेवालाल को तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए.

आरजेडी ने ट्वीट करते हुए लिखा था, "क्‍या मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने मेवालाल चौधरी को भ्रष्‍टाचार का ईनाम देकर उन्‍हें लूटने की आजादी है?"

आपको बता दें कि मेवालाल चौधरी विधायक बनने से पहले शिक्षण क्षेत्र से जुड़े थे और बिहार के कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे. उनके कार्यकाल के दौरान साल 2012 में सहायक प्राध्यापक और जूनियर वैज्ञानिकों की बहाली हुई थी. उस नियुक्ति में तथाकथित रूप से धांधली की गई थी. थाने में भ्रष्‍टाचार का मामला भी दर्ज किया गया था. हालांकि इस मामले में उन्‍हें कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी. वहीं अभी तक उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी है. 

मेवालाल चौधरी पहली बार 2015 में विधायक बने थे और भ्रष्‍टाचार के आरोप लगने के बाद साल 2017 में जेडीयू ने उन्‍हें पार्टी से निकाल दिया था. आरजेडी ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए लिखा था, "जिस भ्रष्टाचारी जेडीयू विधायक को सुशील मोदी खोज रहे थे उसे भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश कुमार ने मंत्री पद से नवाज़ा. यही है 60 घोटालों के संरक्षणकर्ता नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र. यह आदमी कुर्सी के लिए किसी भी निम्नतम स्तर तक गिर सकता है."

सूत्रों के मुताबिक फरवरी 2017 में बिहार के तत्‍कालीन राज्‍यपाल रामनाथ कोविंद के निर्देश पर भागलपुर के सबौर पुलिस स्‍टेशन में चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. राज्यपाल ने कई उम्‍मीदवारों द्वारा नियुक्ति में धांधली की शिकायत मिलने पर जांच कमेटी गठित की थी. 

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