चुनाव आयोग ने मुंगेर की एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा को हटा दिया है. मुंगेर में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठने के कारण चुनाव आयोग ने ये कार्रवाई की है. मुंगेर में विजयादशमी की रात भयंकर हिंसा और गोलीबारी हुई थी. जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी. और कई लोग घायल हो गए थे. घटना दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई थी. जब देर रात को विसर्जन की प्रक्रिया तेज़ करने का दबाव बनाने पर स्थानीय लोग प्रशासन से नाराज़ हो गए थे. पुलिस का कहना है कि भीड़ ने उसके ऊपर पथराव किया. और भीड़ पर क़ाबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोडे़. लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप था कि पुलिस ने ही गोलियां चलाई थीं. जिसमें 18 बरस के एक युवक के सिर में गोली लगने से उसकी मौक़े पर ही मौत हो गई थी.
क्या “दुर्गा पूजा” अब भाजपा राज में अपराध है?
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 27, 2020
क्या भाजपा-जदयू सरकार अब दुर्गा माँ के भक्तों को जानवरों की तरह पिटेगी?
क्या दुर्गा माँ के मूर्ति विसर्जन पर भाजपा-जदयू सरकार गोली मार हत्या कर देगी?
जी हाँ, ये तस्वीर मुंगेर, बिहार की हैं।
पहले लाठियों से पीटा, फिर पुलिस फ़ायरिंग! pic.twitter.com/bEEHqRmUkU
इस मामले में पुलिस के ऊपर लगातार आरोप लग रहे थे. ऐसे कई वीडियो सामने आए थे, जिसमें शांति से बैठे श्रद्धालुओं पर पुलिसकर्मी लाठीचार्ज कर रहे थे. बाद में पब्लिक ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया था. और उसी के बाद गोलियां चलने लगी थीं. एक दो ऐसी तस्वीरें भी आई थीं, जिसमें पुलिसकर्मी के हाथों में पिस्टल देखी गई थी, जिसे वो हवा में लहरा रहा था.
मुंगेर पुलिस के ऊपर 302 का मुक़दमा दर्ज होना चाहिए।श्रद्धालुओं को गोली मारना नीतीश के तालिबानी शासन को दिखाता है।स्थानीय एस॰पी॰ को तत्काल सस्पेंड कर 302 के तहत एफ़॰आई॰आर॰ दर्ज करवाए नीतीश कुमार जी।मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए और एक सरकारी नौकरी दे सरकार। #शर्मनाकनीतीश
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 27, 2020
बिहार में चुनाव होने के कारण इस घटना को लेकर काफ़ी राजनीतिक हंगामा हो रहा था. महागठबंधन के सीएम कैंडीडेट तेजस्वी यादव ने नीतीश की सरकार को जनरल डायर की हुकूमत क़रार दिया था. लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान ने भी एसपी और डीएम के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की थी.
एक तरफ बिहार पुलिस अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने लिए बेकसूर नागरिकों पर मुंगेर में गोली चलाने में तनिक भी देर नहीं करती है!
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) October 29, 2020
तो दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष @yadavtejashwi जी के लिए इतनी लचर सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम करती है कि कोई भी बड़ी आसानी से हेलीकॉप्टर तक पहुँच सकता है! pic.twitter.com/4WhImYMs5U
बीजेपी के नेता इस मामले में ज़िला प्रशासन को दोषी ठहराते हुए एसपी-डीएम को हटाने की मांग कर रहे थे. असल में मुंगेर की एसपी रही लिपि सिंह, सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड के नेता आरसीपी सिंह की बेटी हैं. जो नीतीश कुमार के बेहद क़रीबी नेता माने जाते हैं. वहीं, नीतीश के एक और क़रीबी ललन सिंह, मुंगेर से सांसद हैं. इसी कारण से जेडी यू की सहयोगी बीजेपी की प्रतिक्रिया सधी हुई थी, तो विपक्ष हमलावर था.
मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के समय जो कुछ हुआ वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।EC को पूरे मामले का संज्ञान लेकर दोषी कर्मियों पर कारवाई करनी चाहिये।#mungerpolice
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 27, 2020
कांग्रेस ने इसे बीजेपी-जेडीयू सरकार का असली चेहरा बताया था. तो, अन्य दलों ने भी नीतीश कुमार पर आरोप लगाया था कि उसने बेकसूर भक्तों पर बेदर्दी से लाठियां चलवाईं.
अब चुनाव आयोग ने मुंगेर के डीएम और एसपी को हटा दिया है. और मामले की जांच मगध के डिविज़नल कमिश्नर को सौंप दी है, जिन्हें एक हफ़्ते में अपनी रिपोर्ट देनी होगी.
अफसरशाही और पुलिसिया दमन नीतीश सरकार के कारण आज इतना बढ़ गया है कि #मुंगेर में पुलिस वालों ने अकारण युवकों पर गोली चला दिया!
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) October 28, 2020
4 युवकों की जान गई पर कोई सुनवाई नहीं!
आखिर बिहार कब तक सहेगा इतना अहंकार?
हटाओ नीतीश सरकार
बनाओ तेजस्वी बिहार!#मुंगेर_नरसंहार #आज_बदलेगा_बिहार pic.twitter.com/5eUr6vL6Ri
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