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बिहार के विकास की तैरती हुई तस्वीर देखिए, SSC के छात्रों को नाली के पानी में चलकर एग्जाम देने जाना पड़ा...

Archit Gupta

पटना 13 Oct, 2020 05:05 pm

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टियों द्वारा प्रचार-प्रसार का काम तेज हो गया है. राजनीतिक दलों द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं. नीतीश कुमार ने पहली जनसभा में अपनी सरकार द्वारा कराए गए विकास के कामों को गिनाया. लेकिन विकास की ये बातें एक तरफा है, अगर जमीन पर उतर देखा जाए तो विकास की जो तस्वीर निकलकर आती है वो आपको यह सोचने पर मजबूर करेगी कि आपने किन मुद्दों पर वोट किया था और किन मुद्दों पर अब करना चाहिए. अगर बात विकास की ही है तो आपको पटना की सड़कों पर हुए जलभराव की तस्वीर भी देखनी चाहिए. वहां आपको विकास तैरता हुआ दिखेगा. 

इन दिनों एसएससी सीएचएसएल के बचे हुए उम्मीदवारों के लिए परीक्षा करा रहा है. बिहार के पटना स्थित स्काईमून आईटी प्वाइंट प्राइवेट लिमिटेड में इस परीक्षा का सेंटर गया था. यह सेंटर दानापुर में स्थित है और सेंट कैरेन्स, खगौल रोड के पीछे पड़ता है. 12 अक्टूबर को एसएससी के छात्र यहां परीक्षा केंद्र के नजदीक पहुंचे तो अचंभित रह गए क्योंकि सड़कों पर पानी भरा हुआ था और उन्हें 200 मीटर तक नाली से निकले पानी में चलकर केंद्र तक जाना था. 

SSC CHSL की परीक्षा देने गए आशीष सिंह कहते हैं, ''12 अक्टूबर को जब मैं SSC CHSL 2019 की परीक्षा देने अपने परीक्षा केंद्र Skymoon IT Pvt. Ltd., खगौल रोड़, पटना में पंहुचा तो देखा की परीक्षा केंद्र के 200 मीटर तक जलभराव हो रखा है. कच्ची सड़क पर यंत्र-तंत्र, गढ्ढे और करीब 1.5 फीट पानी पाया. वह पानी वर्षा का नहीं, बल्कि नाले के जल जमाव का था, जिससे केंद्र तक पहुंचने में बहुत परेशानी हुई, कुछ लोग गाड़ी समेत उस पानी में गिर भी गए थे. पानी गंदा होने के कारण अब बीमारी का खतरा भी सता रहा है.''

दानापुर की बात करें तो यहां कहने को तो विकास ही विकास है, ऊंचे-ऊंचे अपार्टमेंट रीयल इस्टेट के क्षेत्र में हुए विकास की कहानी कहते हैं. लेकिन जलनिकासी को लेकर कोई इतंजाम नहीं है. यहां जरा सी बारिश क्या होती है सड़कों में पानी भर जाता है. 

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बता दें कि दानापुर विधानसभा में अनियंत्रित विकास हो रहा है, खासकर रियल स्टेट सेक्टर में. खेतों में अपार्टमेंट बन रहे हैं, लेकिन पानी के निस्तारण की योजना पर कोई ठोस सिस्टम तैयार नहीं किया गया है. इस साल भारी बारिश के बाद यहां जो हाल हुआ उससे स्थानीय निवासियों के साथ ही परीक्षा देने आए छात्रों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा. मगर यह नया नहीं है, जब जब बारिश होती है, दानापुर का हाल ऐसा ही होता है. सितंबर 2019 में हुई भारी बारिश के बाद इस इलाके में भी लोगों को लंबे समय तक जलजमाव का सामना करना पड़ा था.  यहां के लोगों की सबसे बड़ी समस्या बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व पक्का पुल की है. इस विधानसभा सीट में 13 पंचायत हैं और लगभग सभी की मूल समस्याएं एक जैसी हैं.

दानापुर में सज चुका है चुनावी मैदान 
दानापुर की समस्याओं का समाधान होगा या नहीं, इसका फैसला पहले तो जनता और बाद में सत्ता में आने वाली पार्टी के हाथ में हैं. यहां चुनावी मैदान सज चुका है, पार्टियों का प्रचार-प्रसार तेजी से जारी है. इस बार दानापुर सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. इस सीट से NDA ने भाजपा की वर्तमान विधायक आशा सिन्हा पर दांव लगाया है. वहीं, महागठबंधन की ओर से राजद अपने उम्मीदवार उतारेगा. दानापुर से इस बार रीतलाल यादव राजद के उम्मीदवार होंगे. वह हाल ही में जेल से बाहर आए हैं. इससे पहले वह विधान परिषद का चुनाव जीत चुके हैं.

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