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क्या बिहार चुनाव में BJP का 'रोजगार' तेजस्वी की 'नौकरियों' पर भारी पड़ा?

Archit Gupta

नई दिल्ली 11 Nov, 2020 08:03 pm

इस बार के बिहार चुनाव में रोजगार एक बड़े मुद्दे के रूप में उभरकर सामने आया. शायद देश में पहली बार रोजगार को चुनावी मुद्दा बनाया गया होगा. तेजस्वी यादव ने सरकार आने पर 10 लाख लोगों को नौकरियां देने का ऐलान किया था तो नीतीश के साथ भागीदार भाजपा ने उससे दो कदम आगे बढ़ते हुए अपने संकल्प पत्र में 19 लाख रोजगार देने का किया वादा किया था. चुनाव के दौरान युवाओं में नीतीश कुमार के लिए खास नाराजगी देखने को मिली. जगह-जगह रैलियों में पहुंचे युवाओं ने सरकारी भर्तियों में हो रही देरी, परीक्षा में धांधली जैसै मुद्दों पर जोर दिया. जब भी पत्रकार युवाओं के पास पहुंचे तो उन्हें यही सुनने को मिला कि युवाओं को सिर्फ रोजगार चाहिए. 

लेकिन नीतीश के गठबंधन में शामिल बीजेपी ने 74 सीटों पर जीत हासिल कर यह दिखा दिया है कि उनका रोजगार तेजस्वी की नौकरियों पर भारी पड़ा है. तेजस्वी की घोषणा पर पलटवार करते हुए भाजपा ने नौकरी नहीं रोजगार देने की बात कही. भाजपा के बड़े नेता लगातार अपने भाषणों में स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने की बात कहते रहे इसके बावजूद महागठबंधन इसकी काट नहीं कर पाया. तेजस्वी या कांग्रेस बिहार के स्थानीय व्यापार को लेकर कोई बड़ी उम्मीद जगाने में असफल रहे.

विधानसभा चुनाव में इस बार बड़ी संख्या में युवा वोटर हैं. पहली जनवरी, 2020 को तैयार मतदाता सूची के मुताबिक प्रदेश में 18 से 39 साल के युवा मतदाताओं की संख्या तीन करोड़ 66 लाख 34 हजार से अधिक यानी कुल मतदाता सात करोड़ 18 लाख के करीब आधी है. 

नौकरियों की स्थिति को लेकर जून में सामने आई एक रिपोर्ट में बिहार लगभग निचले पायदान की ओर खड़ा नजर आया. करीब हर चार में से तीन युवा ये उम्मीद करता है कि उसे काम नहीं मिलेगा.

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लेकिन लगता है कि बिहार में रोजगार के मुद्दे से ज्यादा जाति और धर्म के आधार पर वोट पडे़ हैं. इस राज्य में बेरोजगारी की दर भारत के औसत बेरोजगारी दर से दोगुनी और देश में सबसे अधिक है. इतना ही नहीं यहा उच्च शिक्षा और भर्तियों की व्यवस्था अन्य राज्यों की तुलना में काफी धीमी है. इतनी लचर व्यवस्था होने के बाद भी NDA की वापसी हुई है तो इससे दो ही चीजें साबित होती है. पहली यह है कि बिहार ने हमेशा की तरह जाति धर्म के आधार पर वोटिंग की, दूसरी ये कि युवाओं ने बीजेपी के रोजगार के वादे पर भरोसा किया है...

जैसा कि NDA को बहुमत मिला है, नीतीश कुमार की सरकार बन रही है, अब देखना यह कि 19 लाख रोज़गार देने का वादा पूरा किया जाता है, या बिहार के युवाओं की किस्मत में एक बार फिर एग्जाम से लेकर नियुक्ति तक के लिए आंदोलन करना ही लिखा है...

VIDEO: क्या बिहार चुनाव में BJP का 'रोजगार' तेजस्वी की 'नौकरियों' पर भारी पड़ा?

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