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BJP ने सुशील मोदी को बिहार से बनाया राज्यसभा उम्मीदवार

Fauzia

नई द‍िल्‍ली 28 Nov, 2020 12:01 am

बिहार में इस बार नीतीश कैबिनेट में मंत्री पद मिलने से चूके सुशील मोदी (Sushil Modi) को बीजेपी ने राज्यसभा भेजने की तैयारी कर ली है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की केंद्रीय चुनाव समिति ने बिहार में होने वाले आगामी राज्यसभा उपचुनाव-2020 के लिए सुशील कुमार मोदी को उम्मीदवार बनाया है. ये सीट रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के निधन के बाद खाली हुई थी. संख्या बल को देखते हुए सुशील मोदी का चुना जाना तय माना जा रहा है. 

2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए सरकार बनने के बाद सुशील मोदी को कोई पद नहीं दिया गया था जबकि पिछली नीतीश सरकार में उनके पास बिहार के मुख्यमंत्री का पद था. कोई पद नहीं मिलने पर खुद सुशील मोदी ने कहा था कि पद नहीं मिला तो क्या हुआ कार्यकर्ता तो रहूंगा ही. पार्टी के बड़े नेताओं ने भी सुशील मोदी के संबंध में मीडिया से कोई भी बात करने से खुद को अलग ही रखा था. तभी से क़यास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी, पार्टी में सुशील मोदी का क़द बढ़ाना चाहती है इसीलिए उन्हें बिहार में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई.

बिहार की इस एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए 14 दिसंबर को चुनाव होगा और 3 दिसंबर तक नामांकन दाखिल किया जा सकेगा. दरअसल, बीजेपी ने लोक जनशक्ति पार्टी को यह सीट एक समझौते के तहत दी थी. जिसके बाद इस सीट से राम विलास पासवान राज्यसभा पहुंचे थे. उनके निधन के बाद ये सीट खाली हो गई थी. वहीं, रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने बिहार में इस बार एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था. इसी वजह से भाजपा ने इस बार इस सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा है. अगर एलजेपी और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा होता तो शायद ये सीट फिर से एलजेपी के खाते में चली जाती. 

साल 1990 में सुशील मोदी सक्रिय राजनीति में आए थे और इसके बाद उन्होंने पटना सेंट्रल विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. 1995 और 2000 में भी वे विजय रहे और विधानसभा पहुंचे थे. 1996 से 2004 के बीच वे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे. पटना हाईकोर्ट में उन्होंने ही लालू प्रसाद के खिलाफ जनहित याचिका डाली थी जिसके बाद चारा घोटाला सामने आया था. इस घोटेले में ही आज लालू जेल में सज़ा काट रहे हैं.

साल 2004 में सुशील मोदी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था और भागलपुर से विजयी रहे थे. 2005 में जब बिहार में एनडीए को बहुमत मिला तो नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनाए गए और सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. इसके अलावा वित्त मंत्रालय और अन्य कई विभागों की जिम्मेदारी उनके कांधों पर थी. इसके बाद 2010 में भी बिहार में एनडीए की सरकार में सुशील मोदी को फिर से उप-मुख्यमंत्री बनाया गया. मगर 2020 के चुनाव में जीत के बाद उन्हें कोई पद नहीं दिया गया. लेकिन अब वो बिहार से राज्यसभा जाने की तैयारी कर रहे हैं.

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