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बोचहा शराब तस्करी कांड: तेजस्‍वी यादव ने मुख्‍यमंत्री पर लगाया भेदभाव करने का अरोप

TLB Desk

पटना 17 Mar, 2021 01:50 pm

बिहार के मुख्यमंत्री और उनके भाजपाई शराब माफिया मंत्री बोचहा शराब तस्करी कांड के विषय में शुरू से ही झूठ बोलते आ रहे हैं और पूरे राज्य को गुमराह कर रहे हैं. बिहार सरकार के मंत्री के भाई के खिलाफ तमाम सबूतों के बावजूद बिहार सरकार ने ना तो उन्हें गिरफ्तार किया और न जमीन जब्त किया. शराबबंदी क़ानून में यह नियम है कि जहां से शराब की बरामदगी होगी उस जमीन को जब्त कर वहां थाना खोला जाएगा लेकिन मंत्री के मामले में ऐसा नहीं हो रहा. राष्‍ट्रीय जनता दल के नेता एवं पूर्व उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव ने उक्‍त बातें अपनी प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कही. पूर्व उपमुख्‍यमंत्री ने कहा, ''मंत्री बताते हैं कि उस स्कूल को लीज पर दे रखा था. हम मांग करते हैं कि मंत्री लीज के कागजात पेश करें. स्कूल को लीज पर दिया गया था उसका पेमेंट कैसे किया गया? क्या पेमेंट का कोई हिसाब किताब है? किस खाते में पैसा आया, कितना पैसा आया, कैसे आया?''

जिस स्कूल से शराब की बरामदगी हुई है उसका नाम अर्जुन मेमोरियल स्कूल है. अर्जुन राय मंत्री रामसूरत राय के पिता थें. मंत्री के दबाव में पुलिस ने सूचना देने वाले अमरेन्द्र कुशवाहा को ही शराब कारोबारी करार देकर जेल भेज दिया. तेजस्‍वी यादव ने अपने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में सवाल उठाया कि क्या नीतीश का कानून सिर्फ कमजोर-गरीब लोगों के लिए है? मुख्यमंत्री अपने मंत्री को कब बर्खास्त करेंगे? तेजस्‍वी यादव की प्रेस कॉन्फ़्रेंस की मुख्य बातें: 

1. 13 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तेजस्‍वी यादव ने मांग की थी कि आरोपी मंत्री और उसके भाई स्कूल संचालक से हुए इकरारनामा के दस्तावेज पेश करें. यदि कोई Rent Agreement हुआ है तो उसे सार्वजनिक करें. मंत्री रामसूरत राय ने मीडिया कर्मियों को ऐसे ही किसी एग्रीमेंट की कुछ पंक्तियां पढ़कर सुनाई थी और कहा था कि सोमवार को वह उस एग्रीमेंट की कॉपी मीडिया कर्मियों को सौंप देंगे लेकिन 17 मार्च तक भी उन्होंने वह कागजात और एग्रीमेंट नहीं दिखाई. 

2. मंत्री खुद मान रहे हैं कि स्कूल उनके स्वर्गीय पिता के नाम पर है, स्कूल के व्यवस्थापक उनके भाई हैं, जमीन उनके भाई के नाम पर है, उनका भाई और भगीना FIR में नामजद है फिर भी आज तक उनके भाई की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?  

3. मंत्री के भाई के स्कूल में शराबबंदी कानून अनुसार अब तक थाना क्यों नहीं खोला गया? 

4. पुलिस की केस डायरी में जब पिकअप वाहन संख्या BR06 C 1996 के मालिक भी मंत्री के भाई हंस लाल राय हैं फिर भी उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? 

5. स्कूल परिसर के मालिक भी मंत्री के भाई हैं फिर भी गिरफ्तारी क्यों नहीं ? 

6. पुलिस की केस डायरी में लिखा है कि अवैध शराब का व्यापार खरीद एवं बिक्री करना संज्ञेय अपराध है एवं परिसर मालिक हंसलाल राय के परिसर को विधिवत सील किया जाता है अगर उसके परिसर को सील किया जाता है तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? 

7. जैसा अमरेंद्र कुमार के भाई ने पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि अमरेंद्र ने ही पुलिस को फोन किया था तो उसकी CDR सार्वजनिक किया जाए. मंत्री और उनके भाई की भी CDR सार्वजनिक की जाए.

8. मंत्री ने झूठ बोल रहे हैं कि वह 10 वर्षों से भाई से नहीं मिले. जब हमने फोटो सहित 2017 का साक्ष्य पेश किया तो अब वह अलग ही कहानी गढ़ रहे हैं. मंत्री के गरिमामय पद पर बैठा व्यक्ति सार्वजनिक जीवन में सफेद झूठ कैसे बोल सकता है? मंत्री कह रहे हैं कि राजनीतिक कार्यकर्ता होने के नाते उन्हें बुलाया गया है जबकि पास के ही पारू से बीजेपी विधायक कह रहे हैं कि रामसूरत राय ने फोन करके उन्हें उस स्कूल में चीफ गेस्ट में बुलाया था. 

9. अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक हफ्ते में मंत्री के भाई के परिसर में थाना नहीं खोला तो हम मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे. 

10. मुख्यमंत्री दोहरी नीति क्यों अपना रहे हैं? हम तो उन लोगों को कहेंगे जिनके परिसर, मकान, दुकान, होटल, इस कानून के तहत जब्त कर उस संपत्ति पर थाना खोला गया है या जब्त किया गया है वह सभी गृहमंत्री सह मुख्यमंत्री पर केस करें कि उनके साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है?

तेजस्‍वी यादव ने अपने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि अगर मुख्यमंत्री जी, मंत्री के भाई के परिसर में थाना खोलने में असहाय और असमर्थ है तो 1 अप्रैल को शराबबंदी लागू होने के 5 वर्ष बाद मुख्यमंत्री आवास में ही शराब का ठेका खोल लें इससे प्रदेश में कम से कम शराब का अवैध कारोबार तो नहीं होगा नीतीश जी इसके साथ ही अपने मंत्रियों और विधायकों के आवास और क्षेत्र में भी शराब का ठेका खुलवा दें क्योंकि इससे सत्ताधारी मंत्री-विधायक शराब की तस्करी नहीं करा सकेंगे और राजस्व की भी हानि नहीं होगी.

ज्ञात हो कि शराब तस्‍करी वाले मामले पर नेता प्रतिपक्ष काफी मुखर नजर आ रहे हैं. इस मामले में वे सदन में लगातार सवाल उठा रहे हैं. पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष ने राज्‍यपाल से मुलाकात की और इस मामले में मुख्‍यमंत्री के रवैये को लेकर अपनी शिकायत भी दर्ज कराई.  

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