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कंगना की याचिका पर कोर्ट ने BMC से जवाब मांगा, तोड़फोड़ पर रोक लगाई

TLB Desk

मुंबई 09 Sep, 2020 03:37 pm

कंगना की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने बीएमसी की तोड़फोड़ वाली कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है और बीएमसी से इस याचिका पर जवाब देने को कहा है. हालांकि कोर्ट के आदेश से पहले बीएमसी ने कंगना रनौत के दफ्तर को तोड़ दिया था. इससे एक दिन पहले बीएमसी ने कंगना के दफ्तर का दौरा कर अवैध निर्माण किए जाने का नोटिस चिपकाया था और आज फिर से नोटिस चिपकाने के बाद उसके दफ्तर को तोड़ दिया.

इस बीच इस मसले को लेकर कंगना की ओर से बॉम्‍बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया जहां कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए बीएमसी की तोड़फोड़ वाली कार्रवाई को तुरंत रोकने का आदेश दिया. साथ ही बीएमसी को इस याचिका पर जवाब देने को भी कहा.

''आज वहां बाबर आया है. आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा. राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख बाबर यह मंदिर फिर बनेगा. यह मंदिर फिर बनेगा, जय श्री राम...'' कंगना ये ट्वीट कर बीएमसी के अधिकारियों को बाबर की सेना बोली है. कंगना रनौत के मुंबई में आने की खबर से बदले की कार्रवाई पर महाराष्‍ट्र सरकार उतर आई है. कंगना के दफ्तर में 'अवैध निर्माण' को लेकर BMC कार्रवाई कर रही है. 8 सितंबर को बीएमसी के अधिकारियों ने कंगना के दफ्तर का मुआयना किया था और दफ्तर के बाहर नोटिस चिपका दिया था. नोटिस में परिसर में अवैध निर्माण का आरोप लगाया गया था.

कंगना ने बीएमसी की इस कार्रवाई के लिए उसे 'बाबर' कहा है. अपने ट्वीट में कंगना ने लिखा कि मणिकर्णिका फ़िल्म्ज़ में पहली फ़िल्म अयोध्या की घोषणा हुई. यह मेरे लिए एक इमारत नहीं राम मंदिर ही है. आज वहां बाबर आया है. आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा. राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख बाबर यह मंदिर फिर बनेगा. यह मंदिर फिर बनेगा, जय श्री राम.

इससे पहले 8 सितंबर को बीएमसी के अधिकारियों ने कंगना रनौत के ऑफिस का मुआयना किया था और अवैध निर्माण का नोटिस चिपका दिया था. कंगना के मुंबई पहुंचने से पहले आज एक और नोटिस चिपकाया गया है और उसके ऑफिस के अवैध निर्माण को तोड़ने की तैयारी चल रही है.

मुंबई के लिए निकलने से पहले कंगना रनौत हमीरपुर जिले के कोठी क्षेत्र में स्थित मंदिर में माथा टेकने गईं और उसके बाद चंडीगढ़ के लिए निकल गईं. एयरपोर्ट के रास्‍ते में उन्‍होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और अपने इरादों को साफ कर दिया.

अपने ट्वीट में कंगना ने कहा है कि रानी लक्ष्‍मीबाई के साहस, शौर्य और बलिदान को मैंने फिल्‍म के जरिए जिया है. दुख की बात यह है कि मुझे मेरे ही महाराष्‍ट्र में आने से रोका जा रहा है. मैं रानी लक्ष्‍मीबाई के पद चिन्‍हों पर चलूंगी, ना डरूंगी, ना झुकूंगी. गलत के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाती रहूंगी. जय महाराष्‍ट्र, जय शिवाजी.

अपने अगले ट्वीट में कंगना ने लिखा है, ''मैं 12 साल की उम्र में हिमांचल छोड़ चंडीगढ़ हॉस्‍टल गई फिर दिल्‍ली में रही और 16 साल की थी जब मुंबई आई. कुछ दोस्‍तों ने कहा मुंबई में वही रहता है जिसे मुम्‍बादेवी चाहती है, हम सब मुम्‍बादेवी के दर्शन करने गए. सब दोस्‍त वापिस चले गए और मुम्‍बादेवी ने मुझे अपने पास ही रख लिया.''

अपने घर की तस्‍वीर को शेयर करते हुए महाराष्‍ट्र के विषय में कंगना ने लिखा, ''ये मुंबई में मेरा घर है, मैं मानती हूं महाराष्‍ट्र ने मुझे सब कुछ दिया है, मगर मैंने भी महाराष्‍ट्र को अपनी भक्ति और प्रेम से एक ऐसी बेटी भेंट दी है जो मराठा शिवाजी महाराज की जन्‍मभूमि में स्‍त्री सम्‍मान और अस्मिता के लिए अपना खून भी दे सकती है. जय महाराष्‍ट्रा!''

इससे पहले हिमाचल सरकार ने कंगना और उनके पूरे परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की घोषणा की थी. हिमचाल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद बयान जारी करके कहा था कि हिमाचल की बेटी और उसके परिवार को राज्य की ओर से सुरक्षा दी जाएगी.

दरअसल सुशांत सिंह केस में जिस तरह कंगना ने बेबाकी से अपने विचार रखे हैं और बॉलीवुड के काले सच को सब के सामने रखा है उसके बाद कंगना को ट्वीटर पर लोगों ने खूब ट्रोल भी किया है. इसके बाद ही कंगना की बहन और पिता ने हिमाचल सरकार से उन्हें और कंगना को सुरक्षा देने की मांग की थी. इस संदर्भ में उन्होंने हिमाचल के डीजीपी को एक पत्र लिखा था और मुख्यमंत्री को सुरक्षा प्रदान कराने के लिए फोन भी किया था जिसे हिमाचल सरकार ने अब स्वीकार कर लिया है. 

सुशांत सिंह मौत मामले के बाद से कंगना अपने बयानों को लेकर काफी सुर्खियों में हैं. हाल में महाराष्ट्र के मंत्री संजय राउत के साथ उनकी काफ़ी तीखी बहस हुई है. दरअसल कंगना ने अपने एक ट्वीट में मुंबई की तुलना पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से कर दी थी. इसी ट्वीट के बाद से कंगना को संजय राउत समेत कई बॉलीवुड कलाकारों की नाराज़गी का सामना करना पड़ा था. इसी संदर्भ में संजय राउत ने भी कंगना के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया था जिसके बाद तो मामला कुछ ज़्यादा ही बिगड़ गया. 

कंगना के पीओके वाले ट्वीट पर जब संजय राउत से पूछा गया कि क्या वो अपने ट्वीट के लिए कंगना से माफ़ी मांगेंगे? तो उन्होंने साफ़ कहा कि पहले वो लोग माफ़ी मांगें जो मुंबई में रहते हैं, यहां काम करते हैं, और तब भी वो महाराष्ट्र और मुंबई के लिए अशोभनीय बातें करते हैं. पहले उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए. कंगना माफ़ी मांगेंगी तभी मैं भी माफ़ी के बारे में विचार करूंगा. 

संजय राउत ने कंगना के बहाने बीजेपी पर भी सीधे तौर पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि कंगना जी में अगर साहस है तो वो ज़रा अहमदबाद की तुलना पीओके से करें. 

सुशांत सिंह मौत मामले में कंगना ने महाराष्ट्र पुलिस को भी कटघरे में रखा था और कहा था कि उन्हें फिल्म माफिया से ज़्यादा डर मुंबई पुलिस से लगता है और वो मुंबई के बजाए हिमाचल या केंद्र से सुरक्षा लेने को तरजीह देंगी.

इस संदर्भ में कंगना ने एक ट्वीट भी किया था. और इसी ट्वीट के जवाब में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि यदि कंगना को मुंबई में रहने से डर लगता है तो उन्हें वापस मुंबई नहीं आना चाहिए. राउत के इस बयान पर भी कंगना भड़क गई थीं और उन्होंने कहा था कि मुंबई किसी की जागीर नहीं है. उन्होंने राउत को खुली चेतावनी दी थी कि मैं 9 सितंबर को मुंबई आ रही हूं. जिसमें दम हो वो मुझे रोक कर दिखाए.

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