बीपीएससी असिस्टेंट इंजीनियर 2017 भर्ती के उम्मीदवारों का हाल बेहाल है. इस भर्ती का रिजल्ट अब तक जारी नहीं हुआ है. भर्ती की मुख्य परीक्षा का रिजल्ट अटक जाने के कारण हजारों उम्मीदवार काफी समय से परेशान हैं. ये उम्मीदवार कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. हाल ही उम्मीदवारों ने बिहार लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया, जिसके बाद बिहार पुलिस ने इन पर जमकर लाठियां बरसाई. पुलिस के लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हुए थे. बता दें कि इस भर्ती का रिजल्ट जारी करवाने के संबंध में सांसद चिराग पासवान बीपीएससी के चेयरमैन को पत्र भी लिख चुके हैं.
क्यों अटका हुआ है रिजल्ट?
BPSC AE 02/2017 भर्ती का नोटिफिकेशन मार्च 2017 में जारी होता है। इस वैकेंसी के जरिए असिस्टेंट इंजीनियर (सिविल) के 1284 पदों और मैकेनिकल के 103 पदों को भरा जाना था. भर्ती के लिए प्री परीक्षा 15 सितंबर 2018 को आयोजित की जाती है और इस परीक्षा में 17,865 उम्मीदवार शामिल होते हैं. 30 जनवरी 2019 को प्री परीक्षा का रिजल्ट जारी होता है. इसके बाद 27 से 31 मार्च 2019 के बीच हुई मुख्य परीक्षा में 10 हजार से ज्यादा उम्मीदवार शामिल होते हैं. 15 फरवरी 2019 को प्री परीक्षा के 4 सवालों पर विवाद शुरू होता है. कुछ उम्मीदवार इन सवालों के जवाब को गलत ठहराते हुए पटना हाईकोर्ट चले जाते हैं. पटना हाईकोर्ट बीपीएससी को 1 अप्रैल को इन 4 सवालों की जांच करने का आदेश देती है. कोर्ट कहती है कि अगर उम्मीदवार सही निकलते हैं तो उन्हें अलग से मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाए.
लेकिन पटना हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ आयोग 21 मई 2019 को डबल बेंच में अपील करता है. इसके बाद मई 2019 से यह मामला अब डबल बेंच के पास अटका हुआ है. मुख्य परीक्षा हुए 16 महीने हो चुके हैं और अभी तक मामला कोर्ट में अटके होने के कारण रिजल्ट नहीं जारी किया गया है.
सोनू कुमार कहते हैं, ''मैं चार भाईयों में सबसे छोटा हूं, मेरे पिताजी जी की आखिरी उम्मीद मुझ पर टिकी थी और मुझे इंजीनियरिंग करने के लिए बेंगलुरु भेजा. मैं उनके सपनों को साकार करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. मेहनत की GATE पास भी किया लेकिन 2017 में बीपीएसी सहायक अभियंता 02/2017 की भर्ती ने मुझे और मेरे पिता के सपने को एक नई जान दी. उन्हें पूरा विश्वास था कि मेरा छोटा बेटा अब तो इंजीनियर (SDO) बनेगा ही लेकिन उन्हें क्या पता था कि बिहार में इंजीनियरिंग करने वालों की क्या हालत होती है, मैं इसी कारण 2018, 2019 में M.TECH में एडमिशन छोड़ दिया लेकिन अब BPSC ने मुझे ना घर का छोड़ा ना घाट का, मैंने अंत में अपने पिता जी की किराने की दुकान पर ही बैठने का फैसला किया. मैं अब रोज सुबह उठकर दुकान खोलता हूं और पिता जी के साथ दुकान पर बैठता हूं लेकिन यहाँ भी आस-पास के लोग दुकान पर बैठा देख ताने मरने लगते हैं. क्या बबुआ सुने थे कि बेंगलुरु गये थे इंजीनियरिंग करने, ये किराने की दुकान ही चलाना था तो डिग्री की क्या जरूरत थी? इस तरह मैं बहुत डिप्रेशन में जी रहा हूं और समझ नहीं आ रहा कि मेरे पिताजी के सपनों को कैसे पूरा करूं?''
नूर मोहम्मद कहते हैं, ''बीपीएससी एई का फॉर्म भरे 4 साल हो गए लेकिन अभी तक रिजल्ट का कुछ पता नहीं है. लाखों रुपए खर्च करके इंजीनियरिंग किया और अब घर पर काम कर रहे हैं. घर वाले बोलते हैं जब यही घर पर ही काम करना था तो इंजीनियरिंग क्यों किया? अब उनको कैसे समझाएं कि बिहार में सिर्फ पढ़ाई करने से नौकरी नहीं मिलती, एग्जाम देने के बाद सरकार और कोर्ट में भी लड़ना पड़ता है.''
शिव कुमार कहते हैं, ''हम सभी बेरोजगार इंजीनियर पिछले डेढ़ साल से BPSC AE (02/2017) मेन रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. आयोग, न्यायालय का हवाला देकर परिणाम जारी नहीं कर रहा है. हम सभी पिछले 4 वर्षों से आर्थिक और मानसिक तंगी से ग्रसित हो चुके हैं. माननीय न्यायालय और बिहार सरकार से अनुरोध है कि न्याय करें.''
अंकित कुमार कहते हैं, ''मैं 2017 का पासआउट हूं. 2017 में मैंने एक प्राइवेट कंपनी ज्वॉइन की थी लेकिन बीपीएससी के नोटिफिकेशन के बाद असिस्टेंट इंजीनियर के एग्जाम की तैयारी के लिए मुझे वह जॉब छोड़नी पड़ी. 2017 से लेकर 2020 तक एग्जाम की तैयारी में लगा रहा लेकिन अब उम्मीद टूटती जा रही है, रिजल्ट का कोई उम्मीद नहीं लग रहा है, पता नहीं कब तक बेरोजगार रहूंगा.''
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