ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Jonhson) ने भारत के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और अब वह 2021 के गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. वहीं, जॉनसन ने पीएम मोदी को अगले साल ब्रिटेन में होने वाली जी-7 (G-7) बैठक के लिए आमंत्रित किया है. आपको बता दें कि इससे पहले आखिरी बार 1993 में ब्रिटेन के पीएम को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा, "मैं अगले साल भारत जाने को लेकर बेहद खुश हूं. यह ग्लोबल ब्रिटेन के लिए एक उत्साहजनक साल की शुरुआत है. मैं भारत के साथ दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ किए गए वादे को पूरा करने के लिए उत्सुक हूं."
आपको बता दें कि बोरिस जॉनसन की ब्रिटेन की सत्ता संभालने के बाद यह पहली भारत यात्रा होगी. इसके साथ ही वो भारत की स्वतंत्रता के बाद से गणतंत्र दिवस पर भारत के गेस्ट ऑफ ऑनर बनने वाले दूसरे ब्रिटिशन नेता होंगे. इसके पहले 1993 में जॉन मेजर भारत आए थे.
वहीं, भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा, ''हमारे प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत के गणतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. पीएम जॉनसन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल यूके में आयोजित होने वाले G7 समिट का न्योता दिया है."
इसके साथ ही डॉमिनिक राब ने दोनों देशों के रिश्ते मजबूत करने पर भी जोर दिया.
उन्होंने कहा, ''हम भारत के साथ अपने आर्थिक रिश्ते और मजबूत करना चाहते हैं. हम भारत के साथ मजबूत रक्षा और सुरक्षा रिश्ते कायम करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं, जिससे हमें आतंकवाद और पश्चिमी भारतीय महाद्वीप में समुद्री डकैती जैसे खतरों से बचाने में मदद मिलेगी."
गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने के निमंत्रण को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन द्वारा स्वीकार करने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "यह भारत ब्रिटेन संबंधों के नये युग की शुरूआत का प्रतीक होगा."
वहीं, ब्रिटेन की तरफ से कहा गया है कि जॉनसन जनवरी 2021 में भारत की यात्रा करेंगे ताकि कूटनीतिक रिश्तों को बल मिले, जिससे कि देश भर में निवेश और नौकरियों को बढ़ावा मिल सके. बोरिस जॉनसन के ब्रिटेन का पीएम बनने और यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन के हटने के बाद से यह किसी ब्रिटिश पीएम की पहली यात्रा है
आपको बता दें कि ब्रेक्जिट के मद्देनजर भारत जैसी अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ ब्रिटेन व्यापार संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. कहा जा रहा है कि किसी व्यापार समझौते के बिना यूरोपीय संघ से बाहर आने पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को गहरा नुकसान होगा.
इससे पहले मंगलवार को भारत यात्रा पर आए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने व्यापार, रक्षा, शिक्षा, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर वार्ता की. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद शिष्टमंडल स्तर की वार्ता भी हुई. राब ऐसे समय में भारत यात्रा पर यहां आएं हैं, जब ब्रिटेन ब्रेक्जिट के बाद व्यापार समझौता करने के लिए यूरोपीय संघ के साथ जटिल वार्ता कर रहा है. राब 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक की भारत यात्रा पर आए हैं.
बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संवाददाताओं को बताया कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ वार्ता में भारत एवं ब्रिटेन के संबंधों को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. उन्होंने कहा, "हमने अफगानिस्तान के हालात और खाड़ी देशों एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र संबंधी गतिविधियों की समीक्षा की. आतंकवाद और कट्टरवाद के कारण पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा की गई, जो साझा चिंताएं हैं."
जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार की गति तेज करने के लिये भारत-ब्रिटेन के बीच गठजोड़ महत्वपूर्ण है.
वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा, "हम भारत के साथ आर्थिक संबंध मजबूत करना चाहते है. दुनिया जिस तरह से बदल रही है, ऐसे में दोनों देशों के लिये नौवहन सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे शीर्ष प्राथमिकता हैं."
राब ने कहा, "हमारे संबंध विभिन्न क्षेत्रों में साझे हित और साझे मूल्यों पर आधारित हैं और हम कई तरह से सहयोग बढ़ाना चाहते हैं."
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