ब्यूरोक्रेसी की कार्यकुशलता और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार एक नया मिशन शुरू करने जा रही है. कैबिनेट की बैठक में इस मिशन को मंज़ूरी दी गई. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सरकार के इस नए मिशन के बारे में जानकारी दी. एक प्रेस कांफ्रेंस में जितेंद्र सिंह ने कहा कि, इस मिशन का मक़सद भविष्य के भारत के लिए देश की सिविल सर्विस को तैयार करना है. उन्होंने इसे पूरी दुनिया में अफ़सरशाही का सबसे बड़ा सुधार कार्यक्रम बताया.
#MissionKarmayogi - National Program for Civil Services Capacity Building approved in today’s cabinet will radically improve the Human Resource management practices in the Government. It will use scale & state of the art infrastructure to augment the capacity of Civil Servants. pic.twitter.com/RNl3uDS7IL
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर सरकार की इस नई कार्ययोजना की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ये उनकी सरकार का एक बड़ा प्रशासनिक सुधार कार्यक्रम है. जिसके ज़रिए काबिल लोगों की अगुवाई में हुनरमंद अफसरों की टीम तैयार की जाएगी.
The iGOT platform will enable the transition to a role-based HR management & continuous learning. Mission Karmayogi aims to prepare Civil Servants for the future by making them more creative, constructive & innovative through transparency and technology. #CivilService4NewIndia pic.twitter.com/NxGBcAxUGo
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से अफसरों को डिजिटल युग के लिए ख़ुद को तैयार करने और पेशेवर तरीक़े से ख़ुद को विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
ब्यूरोक्रेसी से राजनीति में आए विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने इसे सरकार का शानदार क़दम बताते हुए कहा कि, इससे सरकारी मशीनरी में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी. और जनकल्याण के कार्यक्रम और सुचारु रूप से चलाए जा सकेंगे. जिससे आम जनता की ज़िंदगी बेहतर होगी. देश में कारोबार का अच्छा माहौल तैयार होगा.
Welcome Mission Karmayogi - a major administrative reform approved by Cabinet today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 2, 2020
•A new competency-led capacity building paradigm
•Elevate digital learning and professional development
•Strengthen accountability and transparency
•Break down silos
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार की इस नई योजना को ब्यूरोक्रेसी में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला क़दम बताया.
To bring a transformational change in civil services, cabinet today approved #MissionKarmayogi. I thank PM @NarendraModi ji for this visionary reform. This holistic & comprehensive scheme will focus on individual aswell as institutional capacity building. #CivilService4NewIndia
— Amit Shah (@AmitShah) September 2, 2020
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के मिशन कर्मयोगी से हर सरकारी कर्मचारी को अपनी क्षमता के विकास का मौक़ा मिलेगा.
इस मिशन के बारे में और जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दी. उन्होंने बताया कि मिशन कर्मयोगी के तहत सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना काम बेहतर करने का अवसर मिलेगा. प्रकाश जावडेकर ने कहा कि, ‘मिशन कर्मयोगी से सरकारी कर्मचारियों को अधिक क्रिएटिव, सकरात्मक, कल्पनाशील, नए प्रयोग करने और पेशेवर होने का अवसर मिलेगा.’
सरकार इसके लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार करेगी. जिसे iGOTKarmyogi नाम दिया गया है.
#MissionKarmayogi - National Program for Civil Services Capacity Building approved in today’s cabinet will radically improve the Human Resource management practices in the Government. It will use scale & state of the art infrastructure to augment the capacity of Civil Servants. pic.twitter.com/RNl3uDS7IL
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2020
इसकी मदद से कोई भी सरकारी कर्मचारी कार्यकुशल तरीक़े से जनसेवा की योजनाओं को लोगों तक पहुंचा सकेगा.
इस डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए, नेशनल प्रोग्राम फ़ॉर सिविल सर्विसेज कैपेसिटी बिल्डिंग यानी NPCSB की शुरुआत होगी. जिसके ज़रिए व्यक्तिगत स्तर से लेकर संस्थागत स्तर तक सरकार के तमाम विभागों और कर्मचारियों का काम-काज बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी.
NPCSB का कामकाज प्रधानमंत्री की मानव संसाधन परिषद् की निगरानी में चलाया जाएगा. इसके अलावा कैबिनेट सचिव की अगुवाई में एक को-ऑर्डिनेशन की इकाई भी स्थापित की जाएगी.
अफ़सरशाही के इस सुधार कार्यक्रम को चलाने के लिए एक सरकारी कंपनी स्थापित की जाएगी. इसकी स्थापना 2013 के कंपनीज़ एक्ट के तहत होगी. मगर ये कंपनी मुनाफ़े के मक़सद से काम नहीं करेगी.
केंद्र सरकार के क़रीब 46 लाख कर्मचारियों का काम-काज बेहतर बनाने की इस योजना के लिए अगले पांच वर्षों में 510.86 करोड़ रुपए ख़र्च किए जाएंगे.
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