शेयर बाज़ार में इन दिनों भयंकर क़त्ल-ए-आम मचा हुआ है. पिछले छह दिनों में स्टॉक मार्केट में बिकवाली के चलते निवेशकों के 11.31 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं. आज भी सेंसेक्स 1114.82 प्वाइंट और निफ्टी 326.30 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुए.
Sensex plunges 1,114.82 pts to close at 36,553.60; Nifty tanks 326.30 pts to 10,805.55
— Press Trust of India (@PTI_News) September 24, 2020
शेयर बाज़ार में लगातार हो रही गिरावट की मुख्य वजह ये है कि देश की आर्थिक रिकवरी को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं. इसके अलावा दुनिया भर के शेयर बाज़ारों में भी लगातार गिरावट हो रही है. क्योंकि दुनिया के कई देशों में कोविड-19 महामारी का दूसरा दौर आता देखा जा रहा है. जिसके कारण कई अर्थव्यवस्थाओं में सुधार की उम्मीदें कमज़ोर हो रही हैं.
गुरुवार को कंज़्यूमर गुड्स कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर को छोड़कर बाक़ी सभी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई. आईटी इंडेक्स से लेकर टेक, ऑटो, मेटल, रियल्टी, बेसिक मैटेरियल बैंकेक्स और फाइनेंशियल सेक्टर की कंपनियों तक के शेयरों में गिरावट देखी गई.
दुनिया भर की अर्थव्यवस्था कोविड-19 के कारण पहले से ही मुश्किल दौर से गुज़र रही है. ऐसे में कुछ यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामले सामने आने के बाद इकोनॉमिक रिकवरी की संभावनाएं और कम हो गई हैं. यूरोप और अमेरिका जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की ग्रोथ नेगेटिव होने की आशंका जताई जा रही है.
पिछले दिनों जारी भारत के आंकड़ों से पता चला था कि अप्रैल से जून की पहली तिमाही में इस साल भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग 24 प्रतिशत की गिरावट आई थी. देश में बेरोज़गारी भी उच्च स्तर पर है. और सरकार द्वारा जारी आत्मनिर्भर भारत पैकेज को लेकर भी कॉरपोरेट सेक्टर में उत्साह नहीं है. इसी वजह से शेयर बाज़ार में बिकवाली का दौर जारी है.
हालांकि सरकार ये भरोसा दे रही है कि जल्द ही इंडिया की इकॉनमी रिकवर कर लेगी. लेकिन ज़्यादातर जानकारों का मानना है कि कोविड-19 से पहले की ग्रोथ रेट हासिल करने में इंडिया को एक साल से अधिक का समय लगेगा.
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