बिहार विधानसभा के लिए पहले राउंड के मतदान का चुनाव प्रचार ख़त्म हो गया. बुधवार को 71 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. ये सीटें 16 ज़िलों में फैली हुई हैं. पहले दौर के मतदान में 2 करोड़ 14 लाख 6 हज़ार 96 वोटर हैं. जिनके लिए 31 हज़ार पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. फर्स्ट राउंड में कुल 1066 प्रत्याश चुनाव मैदान में हैं. इनमें से आठ उम्मीदवार नीतीश सरकार में मंत्री हैं.
कोरोना काल में चुनाव के लिए इलेक्शन कमीशन ने काफ़ी तगड़े इंतज़ाम किए हैं. मतदाताओं के लिए ग्लव्स का इंतज़ाम किया गया है, तो साफ़ सफ़ाई के लिए हैंड सैनिटाइज़र्स भी पोलिंग बूथ में मुहैया कराए जाएंगे.पहले राउंड के प्रचार के आख़िरी दिन आज महागठबंधन की ओर से सीएम कैंडीडेट तेजस्वी यादव ने जाति का मुद्दा भी उछाल दिया. तेजस्वी यादव ने अपने पिता के राज को याद करते हुए कहा कि लालू यादव के ज़माने में कमज़ोर तबक़े के लोग भी बाबू साहब के सामने सिर उठा कर चलते थे. इससे पहले तेजस्वी ने पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस भी की. जिसमें उन्होंने प्याज़ के बढ़ते दामों को भी मुद्दा बनाया. उन्होंने प्याज़ की माला दिखाते हुए कहा कि NDA के राज में लोगों के लिए प्याज़ खाना मयस्सर नहीं. वो क़ीमती गहने सरीख़ी हो चुकी है.
कमर तोड़ महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी से आम आदमी त्राहिमाम कर रहा है। काम-धंधा ठप्प है। किसान,मज़दूर,नौजवान और व्यापारी वर्ग को खाने के लाले पड़ रहे है। छोटे व्यापारियों को BJP सरकार ने मार दिया है।महंगाई बढ़ने पर ये लोग प्याज़ का माला पहन कर घूमते थे अब हम उन्हें यह सौंप रहे है pic.twitter.com/0kLOPwVrOx
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 26, 2020
तेजस्वी यादव के बयान को बीजेपी ने राजपूत विरोधी बताया है. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर के कहा, 'तेजस्वी यादव ने बाबू साहब यानी राजपूतों के बारे में जो आपत्तिजनक टिप्पणी की, उसकी घोर भर्त्सना करता हूं.'
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 26, 2020
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि, 'ये वही राष्ट्रीय जनता दल है जिसने रघुवंश बाबू को अपमानित करने का काम किया. जब नरेंद्र मोदी की सरकार ने ऊंची जाति के लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया था तो अकेले राष्ट्रीय जनता दल ने इसका विरोध किया था.' सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल की राजनीति भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण, कायस्थों के ख़िलाफ़ रही है, और इस बयान के लिए तेजस्वी यादव को जनता माफ़ नहीं करेगी.
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