राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोविड-19 के नए मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की परीक्षाओं को रद्द करने की अपील की है. केजरीवाल के मुताबिक, "लगभग छह लाख छात्र और लगभग एक लाख शिक्षक होंगे, जो परीक्षा केंद्रों पर आएंगे और इसके साथ ही ये केंद्र नए कोविड-19 हॉटस्पॉट में बदल सकते हैं. मैं सीबीएसई परीक्षा रद्द करने के लिए केंद्र से अनुरोध करुंगा."
उन्होंने कहा, "हमने देखा है कि पिछले कुछ दिनों में कई देशों ने परीक्षाओं को रद्द कर दिया है."
CBSE परीक्षा आने वाली है जिनमें 6 लाख बच्चे परीक्षा में बैठेंगे, 1 लाख टीचर्स इसमें शामिल होंगे। ऐसे में बहुत बड़े स्तर पर संक्रमण फैल सकता है। हमारे लिए बच्चों की सुरक्षा बहुत ज़रुरी है, केंद्र से मेरी अपील है कि CBSE की परीक्षा को रद्द कर कोई और विकल्प अपनाया जाए। pic.twitter.com/2yFi2XmG2Q
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 13, 2021
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में महामारी की यह चौथी लहर बहुत गंभीर है और इसका असर युवाओं और बच्चों पर भी पड़ रहा है.
कोरोना की इस लहर में सबसे ज़्यादा युवा और बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 13, 2021
हमारे युवा देश और परिवार के लिए बहुत कीमती हैं, विशेषकर युवाओं से मेरी अपील है कि ज़रुरत हो तभी घर से बाहर निकलें, और जब भी घर से निकले तो कोरोना से बचाव के नियमों का पालन ज़रुर करें। pic.twitter.com/GvRRgobLEJ
केजरीवाल ने यह भी कहा कि राजधानी में फिलहाल कोविड-19 की स्थिति गंभीर है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से एक ही दिन में 10 हजार से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं, इसलिए आने वाले दिनों में और ज्यादा बेड की आवश्यकता होगी.
उन्होंने कहा, "दिल्ली सरकार बेड की संख्या बढ़ाने के लिए स्कूलों को कोविड के देखभाल केंद्रों में बदल देगी."
बढ़ते कोरोना मामलों पर सरकार सतर्क है और हर ज़रूरी कदम उठा रही है | Press Conference | LIVE https://t.co/DU5XMgL5yJ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 13, 2021
इस बीच मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शहर में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के कारण, दिल्ली सरकार के अस्पतालों को केवल आपातकालीन सर्जरी ही करने को कहा गया है. इसके अलावा अगले दो से तीन महीनों के लिए पहले से प्लान की गई सर्जरी को रद्द करने का निर्देश दिया गया है.
उन्होंने कहा, "नियोजित सर्जरी बड़ी संख्या में होती है जबकि आपातकालीन सर्जरी आमतौर पर कम होती है. इसलिए, अस्पताल अधिकारियों को केवल एक आपातकालीन मामले में ही गैर-कोविड रोगियों को स्वीकार करने के लिए निर्देशित किया गया है."
Leave Your Comment