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केंद्र सरकार का EPF पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला

Suresh Kumar

नई दिल्‍ली 01 Jan, 2021 06:24 pm

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर बनाए रखने का फैसला किया है. इससे लगभग 6 करोड़ ईपीएफ सब्सक्राइबर लाभान्वित होंगे. केंद्र की मोदी सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है. एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) होल्डिंग्स का लाभ लगभग 3,000 करोड़ रुपये से अधिक है. इस कारण वित्त वर्ष 2020 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत देने की मंजूरी दी गई है. इस साल के जाते जाते नौकरी पेशा लोगों के लिए यह एक राहत देने वाली खबर है. 

केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा, "हमने कहा था कि 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करने का हमारा प्रयास होगा. हमने 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करने के लिए एक अधिसूचना जारी कर दी है. सब्सक्राइबर्स के खाते में ब्याज दर को क्रेडिट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.'' केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जो सदस्य 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उन्हें 8.5 प्रतिशत ब्याज दर (2019-20 के लिए) मिलनी चाहिए.

सरकार ने वित्‍त वर्ष 2020 के लिए भविष्‍य निधि पर 8.5 फीसदी ब्‍याद देने की घोषणा की थी. श्रम मंत्री ने कहा कि इसकी पूर्ति ऋण आय से 8.15 प्रतिशत और ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की बिक्री से 0.35 प्रतिशत के द्वारा की गई है. इससे पहले की रिपोर्ट में कहा गया था कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ईपीएफओ को वित्त वर्ष 2020 के लिए 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर की सिफारिश दे सकता है.

इससे पहले मार्च 2020 में, श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्‍यक्षता वाली EPFO ​​के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 2019-20 के लिए EPF पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी थी जिसे सितंबर, 2020 तक लगभग 6 करोड़ ईपीएफ ग्राहकों के खाते में राशि जमा की जानी थी.

हालांकि, EPFO ​​ने COVID-19 महामारी का हवाला देते हुए इस राशि को दो किश्तों - 8.15 प्रतिशत और 0.35 प्रतिशत में क्रेडिट करने का प्रस्ताव दिया. लेकिन इसे अब एक साथ ही जमा कर दी जाएगी. इस वित्‍त वर्ष में दी जारी रही ब्‍याज दर  8.5 प्रतिशत, वित्‍त वर्ष 2018-19 के लिए घोषित किए गए ब्‍याज दर 8.65 प्रतिशत से 15 अंक कम है. 

पिछले वित्‍त वर्ष की अपनी योजना के मुताबिक सेवानिवृत्ति निधि निकाय ने पिछले वित्त वर्ष के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज प्रदान करने के लिए ईटीएफ में अपने कुछ निवेश को समाप्त करने के लिए सोचा था. हालांकि खराब होते मार्केट की स्थिति के बीच लॉकडाउन ने ऐसा करने से रोक दिया.  इपीएफ पर 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर के भुगतान के बाद, ईपीएफओ के पास तकरीबन 700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शेष रह जाएगी.

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