दिल्ली में बहुप्रतीक्षित घर-घर राशन वितरण योजना शुरू होने से पहले ही धरी की धरी रह गई. दरअसल, केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुहैया किए जाने वाले राशन का वितरण राज्य सरकारें किसी अन्य योजना के नाम से करें. आपको बता दें कि दिल्ली सरकार राशन बांटने के लिए 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' जल्द ही शुरू करने जा रही थी. लेकिन, केंद्र सरकार ने NFSA के अनाज के वितरण के लिए इस योजना को मंजूरी देने से मना कर दिया है.
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में संयुक्त सचिव एस जगन्नाथन ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव सह आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि NFSA के अनाज के वितरण के लिए दिल्ली सरकार द्वारा योजना के नए नाम को स्वीकृति नहीं दी जा सकती है.
हालांकि केंद्र सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश सरकार NFSA के अनाजों की मिक्सिंग किए बगैर अगर अलग से कोई योजना बनाती है तो उसे कोई एतराज नहीं होगा.
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने केंद्र पर प्रमुख डोरस्टेप राशन वितरण योजना को रोक कर रखने का आरोप लगाया है.
आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में अपने गणतंत्र दिवस के भाषण के दौरान राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना की घोषणा की थी, जिसे इस साल मार्च के अंत तक प्रभावी किया जाना था. इस योजना के तहत लाभार्थियों को उनके घर पर पैकेट में गेहूं का आटा और चावल पहुंचाया जाना था.
केजरीवाल ने अपने गणतंत्र दिवस के भाषण में कहा था कि राजधानी में सभी लाभार्थी जिनके पास राशन कार्ड हैं, वे योजना का लाभ उठा सकते हैं.
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