व्यापक विरोध के बाद केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Prahlad Singh patel) ने सोमवार को ओडिशा में जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के लिए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) द्वारा जारी विरासत उपनियमों पर मसौदा अधिसूचना को वापस लेने की घोषणा की. यह फैसला राज्य के बीजू जनता दल (BJD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों ने पटेल से अलग से मुलाकात कर विवादास्पद उपनियमों को वापस लेने की मांग की है.
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ट्वीट कर कहा, "केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) और प्रताप सारंगी (Pratap Sarangi) और ओडिशा के भाजपा सांसदों ने मुझसे मुलाकात की और पुरी पर ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के बारे में जानकारी दी. एनएमए अध्यक्ष की जानकारी के बिना अधिसूचना जारी कर दी गई थी, जिसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है."
ओड़िसा के सांसदों ने केन्द्रीय मंत्री @dpradhanbjp @pcsarangi @sonal_mansingh @sksingh_de ने भेंट कर पुरी से संबंधित नोटिफिकेशन की सूचना दी ।यह नोटिफिकेशन चेयरमैन @NMANEWDELHI की जानकारी के बगैर जारी किया गया था जिसे तत्काल प्रभाव से वापिस लिया जाता है @PMOIndia @MinOfCultureGoI pic.twitter.com/ROmh7EYX9u
— Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) February 8, 2021
एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने बताया कि जब भी पुरी के संबंध में कोई कार्रवाई की जाएगी, उसे आपसी सहमति से लिया जाएगा.
ओड़िसा के सांसदों ने मा सांसद @OfPinaki एवं भर्तहरि मेहताब जी के नेतृत्व में भेंट की।मैने प्रतिनिधि मंडल को बतलाया कि नोटिफिकेशन को वापिस लेने का निर्देश दे दिया है।पुरी के संबंध में जब भी कोई कार्यवाही करेंगे वह ओड़िया भाषा में आपसी सहमति से होगी @PMOIndia pic.twitter.com/oCTG3FX9YM
— Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) February 8, 2021
विशेष रूप से, राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) जगन्नाथ मंदिर के लिए विरासत उपनियमों के साथ आया था जिसमें मंदिर के आसपास 100 मीटर क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया था जहां कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है. तीर्थ नगरी को विश्वस्तरीय विरासत स्थल बनाने के लिए जगन्नाथ मंदिर परिधि के विकास परियोजनाओं और सौंदर्यीकरण के स्कोर चल रहे हैं.
इससे पहले सोमवार को कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार 12वीं सदी के मंदिर का दौरा करने आए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, "भगवान जगन्नाथ के काम को कोई नहीं रोक सकता."
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कानून की अधिसूचना वापस लेनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं पुरी के लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने श्री मंदिर के विकास के लिए अपनी भूमि का बलिदान दिया है. उनके बलिदान बेकार नहीं जाएंगे."
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने रविवार को एनएमए सदस्य सचिव को पत्र लिखकर जगन्नाथ मंदिर के लिए हेरिटेज उपनियमों पर अधिसूचना का मसौदा वापस लेने का अनुरोध किया.
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