Chaitra Navratri 2021: चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके हैं और इसी के साथ हिन्दू नववर्ष का आज पहला दिन है. हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है. इस नवरात्र के पहले दिन से हिन्दु नवसंवत्सर आरंभ माना जाता है. यानी इस दिन हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग नाम से बुलाया जाता है. आंध्र प्रदेश में इसे उगादि, महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, पंजाब में बैसाखी और उत्तर भारत में चैत्र नवरात्र कहा जाता है.
चैत्र नवरात्र कब से कब तक हैं?
इस बार 13 अप्रैल से शुरू हुए चैत्र नवरात्र 21 अप्रैल तक चलेंगे. यहां देखिए चैत्र नवरात्रि 2021 का पूरा कैलेंडर
13 अप्रैल 2021 (मंगलवार): नवरात्रि का पहला दिन, प्रतिपदा, घटस्थापना, शैलपुत्री पूजन
14 अप्रैल 2021 (बुधवार): नवरात्रि का दूसरा दिन, द्वितीय, ब्रह्मचारिणी पूजन
15 अप्रैल 2021 (बृहस्पतिवार): नवरात्रि का तीसरा दिन, तृतीया, चंद्रघंटा पूजा
16 अप्रैल 2021 (शुक्रवार): नवरात्रि का चौथा दिन, चतुर्थी, कूष्मांडा पूजन
17 अप्रैल 2021 (शनिवार): नवरात्रि का पांचवां दिन, पंचमी, स्कंदमाता पूजन
18 अप्रैल 2021 (रविवार): नवरात्रि का छठा दिन, षष्ठी, कात्यायनी पूजा
19 अप्रैल 2021 (सोमवार): नवरात्रि का सातवां दिन, सप्तमी, कालरात्रि पूजा
20 अप्रैल 2021 (मंगलवार): नवरात्रि का आठवां दिन, अष्टमी, महागौरी पूजा, कन्या पूजन
21 अप्रैल 2021 (बुधवार): नवरात्र का नौवां दिन, नवमी, सिद्धिदात्री पूजा, कन्या पूजन, नवरात्रि होम, चंडी होम
नवरात्र की तिथि और शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 12 अप्रैल 2021 सुबह 8 बजे से
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 13 अप्रैल 2021 सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक
घटस्थापना मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 58 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक
घटस्थापना की विधि
नवरात्र में घटस्थापना का विशेष महत्व है. नवरात्र के पहले दिन यानी कि प्रतिपदा को सबसे पहले कलश या घटस्थापना कर मां शक्ति का आह्वाहन किया जाता है.
- प्रतिपदा के दिन सबसे पहले कलश तैयार करें.
- कलश पर स्वास्तिक बनाएं और उसके गले में मौली बांधें.
- अब कलश में जल भरें और उसमें अक्षत, सुपारी, फूल, दूर्वा या दूब, गंगाजल की कुछ बूंदें और सिक्के डालें.
- अब कलश में आम या अशोक के पांच पत्ते लेकर गोलाकर सजाएं.
- इसके बाद एक नारियल को लाल रंग की चुनरी या कपड़े से लपेटकर उसके चारों ओर मौली बांध दें.
- इस नारियल को कलश के ऊपर रख दें.
- इसके बाद हाथ जोड़कर मां से प्रार्थना करें कि वे सभी नौ दिन के लिए कलश में विराजमान हों.
नवरात्रि की पूजा विधि
- नवरात्र के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- अगर आप व्रत रख रहे हैं तो हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें
- नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना करने के बाद विधि-विधान से भगवान की पूजा करें.
- मां दुर्गा की मूर्ति को पंचामृत और स्वच्छ जल से स्नान कराएं.
- मां को नए वस्त्र पहनाकर लाल रंग की चुनरी ओढ़ाएं.
- अब उन्हें सुहाग सामग्री अर्पित करें.
- इसके बाद मां को तिलक लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें.
- नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है, इसलिए मां के इस रूप की उपासना भी करें.
- मां की आरती उतारें और उन्हें भोग लगाएं.
- अगर व्रत है तो दिन भर उपवास करें.
- शाम के समय मां की आरती उतारकर भोग लगाएं.
- फलाहार ग्रहण कर प्रथम दिन का व्रत खोलें.
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