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कुम्हार ने बनाया ऐसा दीया जो 24 घंटे तक जलता रहेगा

Alka Kumari

नई दिल्ली 07 Nov, 2020 02:58 pm

खुशियों का पर्व दिवाली (Diwali) का त्योहार आने ही वाला है. इस त्योहार के दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है दीया. दिवाली के पर्व से कई दिन पहले ही बाजारों में  अलग-अलग तरह के दीये आने शुरू हो जाते है . आज भले ही LED लाइट्स ने हमारे घरों में पक्की जगह बना ली है लेकिन इस दिन कम से कम एक दीये हर घर में आज भी जलाए जाते हैं.

मिट्टी के दीये के साथ एक दिक्कत होती है, उसमें तेल जल्दी ही ख़त्म हो जाता है. फिर या तो आप उसे ऐसे ही छोड़ देते हैं या फिर बार-बार तेल भरना पड़ता है.  लेकिन आज हम बात करेंगे एक ऐसे दीये की जो पूरी रात दिन तक जल सकता है, यानी चौबीस घंटे तक जलने वाला दिया. जी हाँ इस दिवाली एक ऐसा दीया बनाया गया है जो 24 घंटो तक लगातार जल सकेगा, यानी दीये में हर घंटे तेल डालने के काम से आजादी. 

बता दें कि इस दीये को अशोक चक्रधारी (Ashok chakradhari) नाम के एक व्यक्ति ने बनाया है. अशोक छत्तीसगढ़ के ज़िला बस्तर, गांव कोंडागांव के रहने वाले  है. अपने बनाये इस अनोखे दिये के बारे में अशोक का कहना है कि 'YouTube वीडियो देखकर उसने इसे बनाने की कोशिश की .इस दीये को वो पिछले साल भी बनाने की कोशिश की थी.'

उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा नए तरीकों की तलाश में रहता हूं जो मेरे कुम्हार के कला को चुनौती दे सके और इसे निखार सके. साल  2019 में दिवाली से पहले मैं दिये के नये डिज़ाइन देख रहा था. तब मुझे ऐसा दिया मिला जिसके ऊपर तेल जमा करने की डिबिया थी, जिससे तेल गिरता रहे और दिया न बुझे. मुझे वो बेहद दिलचस्प लगा और मैंने उसे बनाने की ठान ली . 

अशोक बताते हैं कि कई वीडियोज़ देखने के बाद, उन्होंने इस दीये को तीन अलग हिस्से में बनाया. पहला हिस्सा था दीपक, दूसरा तेल रखने के लिए गुंबद जैसा ढांचा और तीसरे एक ट्यूब जिससे दीपक के ऊपर तेल जमा रखने के गुंबद को टिकाया जा सके. ट्यूब का एक छोर खुला हुआ है जो दीये में फ़िट किया गया है. इस पूरी संरचना में एक हैंडल भी है ये बनाने के लिए मुझे 5-6 बार कोशिश करनी पड़ी पर एक हफ़्ते में मुझे सफ़लता मिल गई. कभी तेल रखने वाला गुंबद भारी हो जाता और दिये पर गिर जाता पर ग़लती करते-करते ही सही चीज़ बन गई. मैंने तेल भरकर और दिया जलाकर इसे टेस्ट किया है.'

वहीं एक वेबसाइट से बातचीत के दौरान अशोक ने  अपने व्यवसाए पर बात करते हुए कहा, “ पॉटरी एक पारिवारिक व्यवसाय है जो मैंने अपने पिता से सीखा है. मैं बचपन से कला का अभ्यास कर रहा हूं और जीवन भर इससे कमाता रहा हूं.  मेरी तीन बेटियां हैं, जिनमें से दो पढ़ाई कर रही हैं जबकि मेरी सबसे बड़ी बेटी इस काम में मेरी मदद कर रही है. वह मिट्टी के बर्तनों का भी काम करती है. ”

उन्होंने कहा कि वह हमेशा नए विचारों की तलाश में रहता है और एक दिन वह एक दीपक पर ठोकर खा गया जो उस पर तेल का एक भंडार रखता था और यह सुनिश्चित किया कि एक ऐसा दीया बनाउ जिसका जलना बंद न हो.

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