वैश्विक महमारी कोरोना वायरस के खिलाफ चीन ने अपने देश की कंपनी साइनोवैक की नई वैक्सीन कोरोनावैक को 5 फरवरी को बाजार में उतारने की सशर्त मंजूरी दे दी है. चीनी राष्ट्रीय औषधि प्रशासन ब्यूरो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार चीनी राष्ट्रीय औषधि प्रशासन ब्यूरो ने वैक्सीन प्रशासन कानून और औषधि प्रशासन कानून के संबंधित प्रावधानों के अनुसार विशेष दवा अनुमोदन प्रक्रिया के मुताबिक आपात समीक्षा और अनुमोदन कर शर्तों के साथ इस वैक्सीन को बाजार में उतरने की अनुमति दी. आपको बता दें कि सरकारी मंजरी मिलने वाली यह दूसरी चीनी वैक्सीन है.
2020 के जून में चीन ने इस वैक्सीन के आपात उपयोग को मंजूरी दी. 2021 की जनवरी के बाद इंडोनेशिया, तुर्की, ब्राजील, चिली, कोलंबिया और उरुग्वे जैसे देशों ने अपने देश में इस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी.
इससे पहले, चीनी राष्ट्रीय औषधि प्रशासन ब्यूरो ने चीनी साइनोफर्म के नए टीके को बाजार में उतरने की सशर्त अनुमति दी. चीन ने टीकाकरण के माध्यम से सभी लोगों के लिए एक प्रतिरक्षा अवरोध स्थापित करने और सभी लोगों को मुफ्त टीका लगाने की योजना बनाई.
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक ट्रेडोस ए ग्रेबियेसस ने कोविड महामारी के वैक्सीन-निर्माताओं से उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया है. साथ ही उन्होंने उन देशों से यह अपील भी की है कि जब उनके यहां टीकाकरण अभियान पूरा हो जाए तो वे अन्य देशों को भी कोविड वैक्सीन की आपूर्ति करें. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोविड वैक्सीन विश्व के कई देशों में उपलब्ध नहीं हो पा रही है, इसलिए इसके नकारात्मक प्रभाव भी दिख रहे हैं. हालांकि विश्वभर में जितनी वैक्सीन लगाई गई है, उनकी संख्या संक्रमित लोगों की संख्या से अधिक हो गई है.
ग्रेबियेसस ने कहा कि अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सभी सरकारों की जिम्मेदारी है. लेकिन, वैक्सीन का उत्पादन करने वाले देश अपने स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को टीका लगाने के बाद यह टीका साझा करें, ताकि दूसरे देश भी ऐसा ही कर सकें और अपने लोगों की इस बीमारी से रक्षा कर सकें.
गौरतलब है कि जानकारी के मुताबिक लगभग 130 देशों के 2.5 अरब लोगों को अभी एक भी टीका नहीं लग पाया है.
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