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5 भारतीय नागरिकों को वापस करेगा चीन, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दी जानकारी

Atit

नई दिल्‍ली 11 Sep, 2020 11:37 pm

ग़लती से चीन की सीमा में घुसने वाले पांच भारतीय नागरिकों को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी भारत को सौंपेगी. 12 सितंबर को अरुणाचल प्रदेश में चीन के सैनिक इन भारतीय नागरिकों को भारतीय अधिकारियों को सौंपेंगे.

ये पांचों नागरिक, अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबानसिरी ज़िले के रहने वाले हैं. ये सभी भारतीय सेना के लिए कुली का काम करते थे. और सीमा पर स्थित मोर्चों पर सामान पहुंचाया करते थे. पिछले शुक्रवार को इन युवकों के परिजनों ने बताया था कि ये लापता हैं. इनके लापता होने की ख़बर पता चलने के बाद भारतीय अधिकारियों ने चीन की सेना से हॉटलाइन पर संपर्क किया और उनसे अपने नागरिकों के बारे में पूछा था. पहले तो चीन ने भारत के किसी नागरिक के अपने क़ब्ज़े में होने की बात से ही इनकार कर दिया था. पर, चार दिन बाद चीन के लोकल कमांडर्स ने भारतीय सेना को बताया था कि ये पांचों युवक उनके क़ब्ज़े में हैं.

अब पीएलए ने भारतीय अधिकारियों को बताया है कि वो अरुणाचल प्रदेश के इन युवकों को शनिवार को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भारत को सौंप देंगे.

इन युवकों के लापता होने की ख़बर तब आई थी, जब इनके साथ के दो अन्य साथी जंगल से वापस घर आए और उनके परिवारों को बताया कि चीन के सैनिक पांचों लोगों को सेरा-7 इलाक़े से अपने साथ ले गए हैं. ये भारतीय सेना की पैट्रोलिंग ज़ोन के पास का इलाक़ा है, जो युवकों के नाचो गांव से 12 किलोमीटर उत्तर में पड़ता है. ये सभी युवक जंगल में शिकार के लिए गए थे. जिन युवकों को चीन ने अगवा कर लिया था उनके नाम हैं-तोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, दोंग्तू एबिया, तानू बाकेर और एनगारू दिरी.

चीन की सेना के इनकार के बावजूद, इंडियन आर्मी के अधिकारी लगातार कोशिश कर रहे थे कि इन युवकों को चीन के क़ब्ज़े से छुड़ाया जा सके. इस साल मार्च में भी चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 21 साल के एक युवक को अगवा कर लिया था. जिसे 19 दिन बाद रिहा किया गया था. जबकि, भारत ने 2 सितंबर को ग़लती से अपनी सीमा में घुस आए तीन चीनी नागरिकों को खाना और गर्म कपड़े दिए थे. उन्हें मेडिकल मदद भी मुहैया कराई गई थी.

चीन के ये नागरिक उत्तरी सिक्किम में भारतीय सीमा में दाख़िल हो गए थे. खाना खिलाने और कपड़े देने के बाद भारतीय सैनिकों ने इन चीनी नागरिकों को अपने ठिकाने तक पहुंचने में भी मदद की थी. इन में एक महिला भी शामिल थी.

इसके उलट चीन ने तो पहले भारत के पांच नागरिकों के बारे में जानकारी होने से ही इनकार कर दिया था.

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