उत्तराखंड के चमोली गढ़वाल जिले में स्थित देश के चार धामों (Char Dham) में से एक बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath Temple) के कपाट 18 मई को सुबह से खोल दिए जाएंगे. एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को इस बात की जानकारी दी गई. इसमें कहा गया कि बसंत पंचमी (Basant Panchami) के अवसर पर नरेंद्रनगर राज महल में मंदिर के कपाट खोलने के मुहूर्त की घोषणा की गई. 18 मई को सुबह 4:15 बजे दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे.
इस दिन सभी धार्मिक अनुष्ठानों और वदिक मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी पूजा करेंगे.
19 नवंबर को सर्दियों के चलते बद्रीनाथ मंदिर को बंद कर दिया गया था. यहां आकर लोग चार धाम के यात्रा का समापन करते हैं.
आपको बता दें कि बद्रीनाथ चारा धामों में से एक है. श्री हरि विष्णु को समर्पित यह मंदिर अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नर और नारायण नामक दो पर्वत श्रेणियों के बीच स्थित है. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शंकर ने बद्रीनारायण की छवि एक काले पत्थर शालिग्राम के ऊपर अलकनंदा नदी में खोजी थी.
सोलहवीं सदी में गढ़वाल के राजा ने मूर्ति को उठवाकर वर्तमान बद्रीनाथ मंदिर में ले जाकर उसकी स्थापना करवा दी. यह भी माना जाता है कि आदि गुरु शंकराचार्य ने 8वीं सदी में मंदिर का निर्माण करवाया था. शंकराचार्य की व्यवस्था के अनुसार मंदिर का पुजारी केरल राज्य से होता है. यहां भगवान विष्णु का विशाल मंदिर है और पूरा मंदिर प्रकृति की गोद में स्थित है.
गौरतलब है कि इस चार धाम की यात्रा को गढ़वाल क्षेत्र में आय का एक प्रमुख स्त्रोत माना जाता है, जिसकी शुरुआत हर साल अप्रैल-मई से होती है और समापन अक्टूबर-नवंबर को होता है.
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