वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह (Buta Singh) का शनिवार को निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए वरिष्ठ नेता के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, "श्री बूटा सिंह जी अनुभवी प्रशासनिक और गरीबों व कुचले लोगों के हित की आवाज थे. मैं उनके जाने से दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं."
Shri Buta Singh Ji was an experienced administrator and effective voice for the welfare of the poor as well as downtrodden. Saddened by his passing away. My condolences to his family and supporters.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 2, 2021
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बूटा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि देश ने आज अपना वफादार लोक सेवक खो दिया. राहुल के ट्वीट के मुताबिक, "बूटा सिंह जी के निधन के साथ ही देश ने आज एक निष्ठावान लोक सेवक खो दिया. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश और लोगों की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, इसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के सदस्यों के साथ हैं."
सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 2, 2021
उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा।
इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
आपको बता दें कि बूटा सिंह ने सबसे पहले अकाली दल के टिकट पर चुनाव लड़ा था और इसके बाद वह 1960 के दशक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे. वह 1962 में तीसरी लोकसभा के लिए साधना संदीय सीट से पहली बार चुनाव जीते. केंद्र सरकार में रहते हुए वह गृह मंत्री और कृषि मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर काबिज रहे. वह 2007 से 2010 तक राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष भी रहे.
इसके अलावा बूटा सिंह ने पंजाबी साहित्य और सिख इतिहास पर कई लेख भी लिखे. उन्होंने 'पंजाबी स्पीकिंग स्टेट (क्रिटिकल एलालिसिस)' नाम की किताब भी लिखी है.
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