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प्रेग्नेंसी स्ट्रिप टेस्ट किट की तरह होगा कोरोना टेस्‍ट किट, नाम है 'फेलुदा' 

Fauzia

मुंबई 22 Sep, 2020 12:20 am

कोरोना से जंग जीतने के लिए दुनियाभर में हर मोर्चे पर तैयारी की जा रही है. डॉक्टर्स, रिसर्चर, फार्मा कंपनियां आदि लगातार दिन रात काम कर रही हैं. कोरोना को जल्द पकड़ने के लिए अब नई तरह की किट बनाने को मंजूरी मिल गई है. इस टेस्ट किट का नाम है फेलुदा. इस किट को टाटा समूह ने विकसित किया है और इसे काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) ने मिलकर बनाया है.

इस टेस्ट किट को ड्रग रेगुलेटर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की मंजूरी मिल गई है. इस टेस्ट किट को विकसित करने वाली टीम का नेतृत्व डॉ. देबज्योति चक्रबर्ती और सौविक मैत्री कर रहे थे. दावा किया जा रहा है कि ये किट महज़ 30 मिनट में कोविड-19 की सटीक रिपोर्ट देने में सक्षम है. ये भारत की पहली पेपर बेस्ड टेस्ट किट है. और इस टेस्ट किट से होने वाले टेस्ट की कीमत भी महज़ 500 रुपये है. अभी कहीं भी आरटी-पीसीआर किट से कोरोना टेस्ट कराने में 1,600-2,000 रुपये लग जाते हैं. 

फेलुदा FNCAS9 Editor Linked Uniform Detection Assay का शॉर्टफॉर्म है. यह स्वदेशी सीआरआईएसपीआई जीन-एडिटिंग टेक्नोलॉजी पर आधारित है. ये टेस्ट  SARS-CoV-2 वायरस के जेनॉमिक सीक्वेंस का पता लगाने के लिए स्वदेशी सीआरआईएसपीआर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है. भविष्य में इस टेक्नोरलॉजी का इस्तेमाल दूसरी महामारियों के टेस्ट में भी किया जा सकता है. अब तक पूरी दुनिया में आरटी-पीसीआर टेस्ट को ही कोविड-19 के डायग्नोसिस में गोल्ड स्टैंडर्ड समझा जा रहा है. अंतर यह है कि फेलुदा के नतीजे जल्दी आते हैं और इसमें इस्तेमाल होने वाला डिवाइस बेहद सस्ता है.

फेलुदा दुनिया का पहला डायग्नोस्टिक टेस्ट है जिसमें वायरस की पहचान के लिए Cas9 प्रोटीन का इस्तेमाल होता है. विज्ञान और तकनीक मंत्रालय का कहना है कि फेलुदा से किए गए कोरोना टेस्ट के परिणाम 98 फीसदी सटीक हैं.

फेलुदा टेस्ट किट प्रेग्नेंसी स्ट्रिप टेस्ट किट की तरह होती है और उसी की तरह काम करती है. अगर वायरस होगा तो स्ट्रिप में रंग बदल जाएगा. इसका इस्तेमाल पैथ लैब में भी किया जा सकता है. डॉ. देबोज्योति चक्रबर्ती के मुताबिक Cas9 प्रोटीन को बारकोड किया गया है ताकि वह मरीज के जेनेटिक मटेरियल में कोरोना वायरस सिक्‍वेंस का पता लगा सकें. इसके बाद Cas9-SARS-CoV2 कॉम्प्लेक्स को पेपर स्ट्रिप पर रखा जाता है, जहां दो लाइन (एक कंट्रोल, एक टेस्ट) बताती है कि मरीज को कोविड-19 है या नहीं.

टेस्‍ट किट का नाम फेलुदा क्‍यों पड़ा?
फेलुदा का ये नाम क्यों पड़ा अब ज़रा ये भी जान लीजिए. इसके पीछे की कहानी भी दिलचस्प है. दरअसल फेलुदा सत्यजीत रे की फिल्मों का एक किरदार रहा है और कई कहानियों का हिस्सा भी रहा है. सत्यजीत की कहानियों में फेलुदा किरदार बंगाल में रहने वाला एक प्राइवेट जासूस है जो छानबीन कर हर समस्या का हल ढूंढ निकालता है. फेलुदा एक ऐसे शातिर दिमाग के तौर पर पहचान रखता है जो हाज़िर-जवाब है और जल्द ही किसी भी अपराध की गुत्थी को सुलझा लेता है. डॉ. देबज्योति चक्रबर्ती ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे सत्यजीत रे के बड़े फैन हैं और यह नाम उनकी पत्नी ने ही उन्हें पहली बार सुझाया था.

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