केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के इलाज के लिए योग और आयुर्वेद आधारित मैनेजमेंट प्रोटोकॉल जारी किया है. इसमें कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने, हल्के लक्षणों और एसिम्पटोमैटिक मामलों के उपचार के लिए अश्वगंधा और आयुष-64 (Ayush-64) जैसी औषधियां शामिल हैं. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने से कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है. आयुर्वेद और योग के जरिए इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है.
Today, I released the 'Ayush Standard Treatment Protocol', via VC, along with MoS(I/C) @moayush @shripadynaik & Vice Chairman @NITIAayog @RajivKumar1.
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) October 6, 2020
It details self care guidelines for preventive health measures to help protect against #COVID19.@MoHFW_INDIA @PMOIndia pic.twitter.com/pisf28amh3
केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने जानकारी देते हुए बताया कि मेडिकल स्टडी में पुष्टि हुई कि कोरोना से बचाव में आयुर्वेदिक औषधियां काम आती हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अश्वगंधा और आयुष-64 के इस्तेमाल की बात कही है. इसके अलावा लौंग, गिलोय और गुडूची, पिप्पली अनु तेल जैसी आयुर्वेदिक औषधियों को भी कोरोना से लड़ने में सहायक बताया है. यह प्रोटोकॉल न सिर्फ कोरोना के मैनेजमेंट के लिए एक जरूरी कदम है, बल्कि इन आयुर्वेदिक दवाओं से आधुनिक समय की मेडिकल प्रॉब्लम्स को भी ठीक किया जा सकता है.
आपको बता दें कि अभी कुछ आयुर्वेदिक दवाओं को अनौपचारिक तौर पर मरीजों को दिया जा रहा था. ट्रायल के अच्छे नतीजे मिलने के बाद इस पर मुहर लगाई गई है.
डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि आधुनिक समय में मेडिसिन की अपनी अहमियत है लेकिन आयुर्वेद देश का एक प्राचीन विज्ञान है. दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के बाद से इस विज्ञान पर ध्यान नहीं दिया गया. अब प्रधानमंत्री मोदी ने इसके महत्व को समझते हुए इस पर फिर से ध्यान दिया है और आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया है.
आयुर्वेद आधारित मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में कोरोना के बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीजों को अब औपचारिक रूप से आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट दिया जाएगा. प्रोटोकॉल में कई आसनों के बारे में बताया गया है, जिनसे फेफड़े की क्षमता बढ़ती है और चिंता, बेचैनी कम होती है. बुखार के साथ बदन दर्द, सिर दर्द, खांसी, गले की खराश, स्वाद का खत्म होना, थकान, ऑक्सीजन की कमी, डायरिया और दम फूलने की स्थिति में ली जाने वाली कुछ आयुर्वेदिक दवाएं भी बताई गई हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह पर लिया जा सकता है.
वहीं, देश में कोरोना मरीज़ों का आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. अभी तक देश में कोरोन मरीज़ों की संख्या 66 लाख के पार हो चुकी है. एक लाख से ज़्यादा लोग कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 9 लाख से ज्यादा मरीज़ों का देश के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
आने वाले कुछ दिनों में देश में त्योहारों का मौसम शुरू होने वाला है इसे देखते हुए भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले से ही कमर कस ली है और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी कर दिया है. इसके मुताबिक़ किसी भी कंटेनमेंट जोन में कोई भी इवेंट आयोजित नहीं किया जाएगा. ना ही कंटेनमेंट जोन के लोगों को कहीं और किसी भी आयोजन में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी. कंटेनमेंट ज़ोन के लोगों को पहले ही आगाह कर दिया जाएगा कि वो लोग अपने घरों में ही रहकर परिवार के साथ त्योहारर मनाएं. ख़ुद सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें.
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