केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण (Coronavirus Vaccination) अभियान एक साल या उससे ज्यादा वक्त तक चलेगा. कोविड-19 (Covid-19) पर साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा, "इस पूरी कवायद के पांच मुख्य सिद्धांत हैं, जो शायद एक साल से ज्यादा समय तक रहेंगे."
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ये पांच सिद्धांत हैं- जन भागीदारी सुनिश्चित करना, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम का उपयोग करना, वैज्ञानिक और नियामक मानदंडों पर कोई समझौता नहीं करना, मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं से समझौता नहीं करना और पूरी प्रक्रिया का चरणबद्ध व तकनीकि आधारित क्रियान्वयन.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक, "जब कोविड-19 महामारी शुरू हुई तब अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. हम फिर से उस स्थिति को दोहराना नहीं चाहते. हो सकता है कि कुछ सेवाओं में देरी हो और हमें फिर से उन्हें रीशेड्यूल करना पड़े. लेकिन भविष्य में कोविड-19 टीकाकरण के दौरान किसी भी सेवा को बंद नहीं किया जाएगा. और चूंकि सरकारों को वैज्ञानिक मानदंडों और मानक संचालन प्रक्रियाओं द्वारा निर्देशित किया गया है इसलिए पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है. हम उम्मीद करते हैं कि टीकाकरण अभियान के दौरान हर कोई इन एसओपी का पालन करेगा. इसके अलावा यह पूरी प्रक्रिया प्रौद्योगिकी संचालित है."
Key principles for #COVID19vaccination:
— PIB India (@PIB_India) January 12, 2021
1⃣ Ensure people's participation
2⃣ Utilize the experience of elections & universal immunization program
3⃣ No compromise of existing healthcare services
4⃣ No compromise on scientific and regulatory norms#India4Vaccine pic.twitter.com/5vuCVBmMDT
उन्होंने कहा कि कोविड-19 का टीका 28 दिनों के अंतर पर लगेगा और दूसरा टीका लगने के 14 दिनों के बाद उसका असर शुरू होगा. टीके का असर खुराक पूरी होने के 14 दिनों बाद दिखना शुरू होगा. उन्होंने कहा, "हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करना जारी रखें."
#COVID19 situation is still worrisome across the world. India reported 12,584 new cases in the last 24 hours. Daily cases in the country are declining, but one must not stop following COVID protocols: Secretary, @MoHFW_INDIA #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/Yoh9nkjsFu
— PIB India (@PIB_India) January 12, 2021
भूषण ने कहा कि टीके की दो खुराक के बीच 28 दिनों का अंतर होगा. भारत में कोविड-19 का टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू हो रहा है और पहले चरण में करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना योद्धाओं को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाएगा.
आपको बता दें कि देश में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी से होगी, जिसमें करीब 3 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मचारियों और 50 वर्ष से अधिक बुजुर्गों व कई बीमारियों से घिरे 50 वर्ष से कम उम्र के लागों को टीका लगाया जाएगा. टीकाकरण को लेकर देश भर में पहले ही तीन चरणों का ड्राई रन संपन्न कराया जा चुका है.
गौरतलब है कि भारत ने हाल ही में दो टीकों के आपात उपयोग की अनुमति दी है. ये वैक्सीन हैं- ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड जिसका उत्पादन भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है और दूसरी है भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों टीकों के सुरक्षित और प्रभावी होने की पुष्टि कर चुका है. लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हुए बिना कोवैक्सीन को मंजूरी देना खतरनाक है.
ऐसे में अब नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल का कहना है कि इन दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और दोनों सुरक्षित हैं और उनसे कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा, "हमें इस पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि जिन दो टीकों को मंजूरी दी गई है वे सबसे सुरक्षित हैं. दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और इसके साइड इफेक्ट नगण्य हैं. कोई बड़ा खतरा नहीं है."
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