केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 13 जनवरी से देश में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन की तैयारी की जा रही है. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Rajeev Bhushan) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "वैक्सीन के ड्राई रन से मिले फीडबैक के आधार पर इसके आपातकालीन इस्तेमाल की आधिकारिक तारीख के मिलने के 10 दिनों के भीतर ही टीकाकरण करने के लिए हम तैयार हैं." आपको बता दें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को आपातकाल इस्तेमाल की अंतिम मंजूरी दे दी है.
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— PIB India (@PIB_India) January 5, 2021
Press Briefing on the action taken, preparedness and updates on #COVID19 at National Media Centre, #NewDelhi
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वैक्सीन को लेकर किया गया यह ऐलान भारत के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, जो अमेरिका के बाद संक्रमण के मामले में दूसरे नंबर पर है.
सबसे पहले टीकाकरण एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, दो करोड़ फ्रंटलाइन और एसेंशियल वर्कर्स और 27 करोड़ उन बुजुर्गो को दिया जाएगा, जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और जो कई बीमारियों से घिरे हैं. आपको बता दें कि शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने घोषणा की थी कि एक करोड़ स्वास्थ्य सेवा कर्मियों साथ-साथ दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यह भी बताया कि देश में चार प्रमुख वैक्सीन स्टोर तैयार किए गए हैं जिन्हें GMSD नाम दिया गया है. ये स्टोर करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में स्थित हैं. इसके अलावा देश में 37 वैक्सीन स्टोर हैं. इन स्थानों पर बड़ी मात्रा में वैक्सीनों को स्टोर किया जा सकता है और अन्य स्थानों पर वितरित किया जा सकता है. उन्होंने कहा, "वैक्सीन का भंडारण करने वाले केंद्रों और टेंपरेचर ट्रैकर्स की डिजिटल तरीके से निगरानी की जाएगी. हमारे देश में एक दशक से भी अधिक समय से ऐसी सुविधा मौजूद है."
In any immunisation programme in india manufacturers first transport vaccines to 4 Primary Vaccine Stores across country, from where it is transported in bulk to 37 state #vaccine stores & then to districts&finally to PHCs:Health Secy. on Co-WIN vaccine delivery Management System pic.twitter.com/QwnsN9ygAV
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राजेश भूषण ने यह भी कहा कि टीकाकरण के लिए हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन कर्मियों की पहचान प्रायॉरिटी ग्रुप के तौर पर की गई है और सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक इन लाभार्थियों को खुद को रजिस्टर कराने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक इन लोगों के बारे में पहले ही को-विन (Co-Win) सिस्टम में जानकारी डाली जा चुकी है.
#Vaccine is transported from primary health centers through vaccine carriers technically known as passive equipment with temperature regulations to sub-centers. Beneficiary registration will not be required for health & frontline workers: Secretary, @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/SBzPff8uFt
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आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने को-विन ऐप तैयार की है, इसके जरिए लोग वैक्सीन शॉट के लिए खुद को रजिस्टर करा सकते हैं. अभी यह ऐप पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुई है, लेकिन फिलहाल इसमें स्वास्थ्य कर्मियों का डेटा अपलोड किया गया है. देश भर में 2 जनवरी को हुए ड्राई रन के दौरान 75 लाख लाभार्थियों का डेटा रजिस्टर किया गया था.
The Co-WIN Delivery Management system includes automated session allocation, SMS to be sent in 12 languages, 24x7 helpline, chatbox, digital locker for integrated data retrieval and storing of QR code certificate: Secretary, @MoHFW_INDIA 3/n pic.twitter.com/l88YVXq88J
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यह भी बताया कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या अब ढाई लाख से भी कम बची है और इसमें लगातार गिरावट आ रही है. वहीं, देश में संक्रमण दर केवल (पॉजिटिविटी रेट) 1.97 फीसदी है.
कुल सक्रिय मामलों में से 44 फीसदी मरीज अस्पताल में हैं. इनमें मध्यम या गंभीर लक्षण हैं और इन्हें लगातार इलाज और निगरानी की जरूरत है. 56 फीसदी मामलों में बहुत हल्के लक्षण हैं या एसिम्टोमैटिक हैं और इन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है.
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