प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की वैक्सीन अगले कुछ हफ़्तों में आ जाएगी. आज एक सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने देश के सभी प्रमुख दलों को कोविड-19 वैक्सीन को लेकर अपडेट दिया. उन्हें बताया कि सरकार वैक्सीन का इंतज़ाम करने के लिए क्या क्या कर रही है. किन विदेशी कंपनियों से वैक्सीन के क़रार किए गए हैं. और स्वदेशी वैक्सीन का डेवेलपमेंट कहां तक पहुंचा है.
पीएम मोदी ने सर्वदलीय वर्चुअल बैठक में कहा कि देश के वैज्ञानिकों से इजाज़त मिलने के बाद, कोरोना के ख़िलाफ़ टीकाकरण का अभियान शुरू किया जाएगा. चूंकि, भारत के पास बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन का लंबा अनुभव है. इसलिए इस काम में दिक़्क़त आने की आशंका न के बराबर है. प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि देश में कोल्ड स्टोरेज की कमी जैसी दिक़्क़तों को दूर करने के लिए राज्य सरकारों से लगातार बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि सरकार, लोगों को कोविड-19 का टीका लगने का रियल टाइम डेटा रखेगी, जिसके लिए एक सॉफ्टवेयर भी डेवेलप किया जा रहा है. पीएम मोदी ने सभी दलों के नेताओं को बताया कि हाल में कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर उन्होंने वैज्ञानिकों से मुलाक़ात की है. उन्होंने कहा कि दुनिया की नज़र इस वक्त कम क़ीमत वाली सुरक्षित वैक्सीन पर है और उनकी नज़र भारत पर है.
प्रधानमंत्री ने सभी दलों के नेताओं को जानकारी दी कि कोरोना वायरस की वैक्सीन की क़ीमत को लेकर सरकार राज्यों से बात कर रही है.
Speaking at the All Party Meeting. https://t.co/TZaJ5DJBXz
— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2020
अब तक भारत ने एक अरब 60 करोड़ वैक्सीन डोज़ के लिए अलग अलग कंपनियों से क़रार किया है. इस मामले में भारत पहले नंबर पर है. वहीं एक अरब 58 करोड़ डोज़ की बुकिंग के साथ यूरोप दूसरे, तो एक अरब डोज़ की बुकिंग के साथ अमेरिका तीसरे नंबर पर है. वहीं, चीन ने कहा है कि वो जल्द ही अपने नागरिकों के लिए कोविड-19 वैक्सीन की साठ करोड़ डोज़ की व्यवस्था करेगा.
सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 का टीका किसे पहले लगाया जाएगा, इस बारे में केंद्र सरकार राज्यों से बात कर रही है. सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड-19 के मरीज़ों के इलाज में लगे लोगों और बुज़ुर्गों को ये वैक्सीन दी जाएगी.
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