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संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, सीमा पर चीन की घुसपैठ क़तई बर्दाश्त नहीं

Suresh Kumar

नई दिल्‍ली 16 Sep, 2020 09:05 am

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा को इकतरफ़ा तरीक़े से बदलने की चीन की कोशिश क़तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सीमा पर चीन के साथ तनाव को लेकर राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान दिया. संसद के सामने रक्षा मंत्री ने माना कि लद्दाख में भारत के सामने चुनौती बड़ी है. लेकिन, रक्षा मंत्री ने सदन को ये भरोसा भी दिया कि भारत की सेना के साथ देश की जनता खड़ी है. ऐसे में किसी भी दुश्मन की हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना पूरी तरह से तैयार है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान चीन ने कई बार भारत की सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की है. लेकिन, भारतीय सेना के जवानों ने चीन की हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया है.

रक्षा मंत्री ने संसद को बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी मई महीने से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा में बदलाव की कोशिश कर रही है. मगर, इंडियन आर्मी की मुस्तैदी से चीन की हर कोशिश नाकाम की जा चुकी है. सर्दियों में भी सीमा की रक्षा के लिए हमारे जवान तैयार हैं. और सेना को बर्फ़ीली चोटियों पर मोर्चेबंदी के लिए हर ज़रूरी सामान, हथियार और गोला बारूद मुहैया कराया जा रहा है.

रक्षा मंत्री ने संसद को बताया कि सरकार ने चीन को कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से बता दिया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने का प्रयास भारत क़तई मंज़ूर नहीं करेगा.

रक्षा मंत्री ने 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय सेना के जवानों की शहादत को याद करते हुए कहा कि आर्मी के जवानों ने अपनी वीरता से चीन को भी भारी नुक़सान पहुंचाया. पिछले दिनों अमेरिकी पत्रिका न्यूज़वीक ने चाइना के सूत्रों के हवाले से कहा था कि गलवान घाटी में हुए संघर्ष में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साठ जवान मारे गए थे.

राजनाथ सिंह ने इस संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के इस दौरे से भारतीय सेना के बीच ये संदेश गया कि पूरा देश उनके साथ है. इसी वजह से इंडियन आर्मी के हौसले बुलंद हैं. और वो दुश्मन की किसी भी गुस्ताख़ी का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

रक्षा मंत्री ने अगस्त के आख़िरी हफ़्ते में चीन के सैनिकों की घुसपैठ की जानकारी भी संसद को दी. राजनाथ सिंह ने लोकसभा को बताया कि 29/30 अगस्त की रात को जब चीन के सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी, तो भारतीय जवानों ने संयम बरतने के साथ साथ पूरी मज़बूती से चीन के सैनिकों को पीछे जाने को मजबूर किया.

राजनाथ सिंह ने ये भी बताया कि 7 सितंबर को चीन के सैनिकों ने सीमा पर हवा में गोलियां चला कर भारत के साथ 1993 और 1996 के सीमा समझौतों को तोड़ा है.

हालांकि, लोकसभा में राजनाथ सिंह के बयान के फ़ौरन बाद कांग्रेस ने सदन में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की. लेकिन, स्पीकर के इजाज़त न देने पर कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सदन में विपक्ष की आवाज़ को उस समय दबाया जा रहा है, जब पूरा देश सेना के साथ खड़ा है.

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि रक्षा मंत्री के बयान से पीएम मोदी के उस झूठ का पर्दाफ़ाश हो गया है, जो उन्होंने पूरे देश से बोला था. और कहा था कि हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा है.

राहुल गांधी ने सरकार से पूछा कि आख़िर चीन ने भारत की जिस ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर लिया है, उसे कब वापस लिया जाएगा?

हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष से अपील की कि सदन को एक ऐसा प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित करना चाहिए कि पूरा देश इस समय सेना के साथ खड़ा है.

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