कोरोना और लॉकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है. हालांकि कई राज्यों में अब धीरे-धीरे स्कूल खुलने शुरू हो गए हैं. जिन स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा होती रही, वहां के छात्रों को उतनी परेशानी नहीं हुई. लेकिन एक बड़ा वर्ग ऐसे भी है जो ऑनलाइन क्लास से वंचित है, क्योंकि उसके पास स्मार्टफोन, लैपटॉप और इंटरनेट नहीं है. ऐसे गरीब बच्चों की मदद के लिए दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल थान सिंह आगे आए हैं. थान सिंह रियल लाइफ 'सिंघम' हैं, जो गरीब बच्चों को फ्री में शिक्षा उपलब्ध करा रहे हैं.
थान सिंह ड्यूटी खत्म करने के बाद शाम 5 बजे से लालकिले के पीछे बने एक छोटे से मंदिर में पाठशाला लगाते हैं. वे इन कक्षाओं में आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित तबके के बच्चों को पढ़ाते हैं जो ऑनलाइन क्लास लेने में सक्षम नहीं हैं. कोरोना के बीच बच्चों को शिक्षा देने के साथ ही वह सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजेशन पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं.
कॉन्स्टेबल थान सिंह का कहना है, ''मैं महामारी के पहले से ही यह क्लास चला रहा हूं. महामारी के बाद यह और भी जरूरी हो गया. ये बच्चे ऑनलाइन क्साल नहीं ले सकते हैं और मैं चाहता हूं कि वे पढ़ाई करें, जिससे वे गलत संगत में पड़कर किसी तरह का कोई अपराध ना करें.''
थान सिंह कहते हैं, ''मैंने 2016 में इस पाठशाला की शुरुआत की थी, उस वक्त 4 बच्चे आते थे. आज करीब 50 बच्चे आ रहे हैं, वहीं लॉकडाउन लगने की वजह से कई बच्चे अपने गांव चले गए हैं जो कि अभी तक वापस नहीं आए हैं.''
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थान सिंह इन बच्चों को किताब-कॉपी, पेंसिल और खाने के लिए भी खुद से ही मुहैया कराते हैं. वहीं, आला अफसर भी इस काम में थान सिंह की मदद करते हैं.
पढ़ाई करने के लिए जब शाम को बच्चे आते हैं, तो दूर से ही ‘अंकल नमस्ते’ कहते हैं और पाठशाला में आकर बैठ जाते हैं. सभी बच्चों की उम्र 5 से 15 वर्ष के बीच है.
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