दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की तीसरी लहर देखने को मिल रही है. दिल्ली में कोविड-19 (Covid-19) की स्थिति को लेकर सीएम का यह बयान बड़ा है क्योंकि इससे पहले दिल्ली सरकार ने कहा था कि तीसरी लहर है या नहीं इसका फैसला एक हफ्ते बाद लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री का यह बयान तब आया है जब मंगलवार को दिल्ली में कोरोना के 6,725 मामले सामने आए और इस तरह कुल संक्रमितों की संख्या 400,000 के आकड़े को पार गई है.
केजरीवाल ने कहा कि वो कोविड-19 को लेकर गुरुवार को एक रिव्यू मीटिंग करेंगे.
Delhi Health Bulletin - 4th November 2020#DelhiFightsCorona pic.twitter.com/svnWkTW2TO
— CMO Delhi (@CMODelhi) November 4, 2020
केजरीवाल ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा, "मैं जनता को बताना चाहता हूं कि दिल्ली में पिछले कुछ हफ्तों में कोविड-19 के मामलों में उछाल देखा गया है. मैं इसे महानगर में महामारी की तीसरी लहर कह सकता हूं क्योंकि सितंबर के आखिरी और अक्टूबर की शुरुआत में कोविड के मामलों में कमी देखी गई थी और आंकड़ा 3 हजार के नीचे था."
इसी के साथ सीएम ने लोगों से कहा कि वे घबराएं नहीं और आश्वसान दिया कि वह हालात पर नजर बनाए हुए हैं.
केजरीवाल के मुताबिक, "अभी डरने वाली कोई बात नहीं है. राजधानी दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं के किसी भी पहलू को लेकर डर की कोई वजह नहीं है. हमारी जानकारी में आया है कि बड़े प्राइवेट अस्पतालों में वेंटीलेटर के साथ कुछ आईसीयू बेड ही खाली हैं. जैसे ही सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के स्टे को हटा लेगा इस मामले को एक या दो दिन में निपटा लिया जाएगा.
आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सितंबर में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा 33 बड़े निजी अस्पतालों को कोविड-19 मरीजों के लिए 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित रखने के आदेश पर रोक लगाते हुए इसे मनमाना और अनुचित बताया था. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए 33 निजी अस्पतालों में 80 फीसदी आईसीयू बेडों को कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित करने का आदेश दिया था. इस पर निजी अस्पतालों ने आपत्ति जताई थी. साथ ही केजरीवाल सरकार से इस फैसले को बदलने के लिए कहा था. सरकार ने जब उनकी बात नहीं सुनी तो एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ने फैसले के विरोध दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के आदेश पर स्टे लगा दिया. दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट का स्टे हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
वहीं, दूसरी तरफ दीपावली पर दिल्ली में पटाखे जलाने की अनुमति होगी या नहीं, इस पर दिल्ली सरकार गुरुवार को फैसला लेगी.
केजरीवाल ने कहा, "बैठक में कोविड-19 के लिए उपलब्ध बेड विशेषकर आईसीयू की स्थिति से लेकर पटाखे जलाने तक के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. मीटिंग गुरुवार शाम चार बजे होगी."
गौरतलब है दिल्ली में मंगलवार को 6,725 कोविड-19 केस आए जो अब तक का रिकॉर्ड है. एक हफ्ते पहले ही दिल्ली में पहली बार पांच हजार से ज्यादा केस आए थे और तब से इसमें बढ़ोतरी ही हो रही है. 28 अक्टूबर को पहली बार पांच हजार से ज्यादा 5,673 केस सामने आए और फिर 2 नवंबर को छोड़ हर दिन पांच हजार से ज्यादा केस आते रहे.
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